बरेली: द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं का स्वरूप तैयार नहीं

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बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की द्वितीय और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर परीक्षा समिति ने निर्णय ले लिया है। लेकिन द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। इसको लेकर विस्तृत कोई भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। द्वितीय वर्ष के छात्रों की सभी विषयों की परीक्षाएं …

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय की द्वितीय और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर परीक्षा समिति ने निर्णय ले लिया है। लेकिन द्वितीय वर्ष की परीक्षाओं को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। इसको लेकर विस्तृत कोई भी दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। द्वितीय वर्ष के छात्रों की सभी विषयों की परीक्षाएं होंगी या फिर उनकी सिर्फ उस विषय की परीक्षा होगी, जिसकी परीक्षा उन्होंने प्रथम वर्ष में नहीं दी थी। छात्रों को प्रथम वर्ष से द्वितीय वर्ष में प्रोन्नत किया गया था। इसके लिए विश्वविद्यालय ने छात्रों को मूल्यांकन के आधार पर अंक दिए थे।

शुक्रवार को ही परीक्षा समिति की बैठक में द्वितीय वर्ष की परीक्षा को लेकर भी विस्तार से चर्चा ही नहीं हुई। विश्वविद्यालय ने पिछले वर्ष शासन के दिशा निर्देशों के तहत प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत किया था। उस दौरान अधिकांश छात्रों के परीक्षाएं हो चुकी थीं। कुछ प्रश्नपत्रों की परीक्षाएं होनी बाकी रह गई थीं, लेकिन उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया गया था। इसके साथ नियम बनाया गया था कि छात्रों के प्रथम वर्ष के अंक द्वितीय वर्ष की परीक्षा के अंकों के आधार पर निर्धारित किए जाएंगे। इसी वजह से द्वितीय वर्ष के छात्रों की परीक्षा का आयोजन कराया जा रहा है।

शासन ने नियम बनाया है कि एक विषय का एक ही प्रश्नपत्र तैयार करके अंक निर्धारित किए जाएंगे। ऐसे में क्या जिन छात्रों का कोई प्रश्नपत्र रह गया था तो उसके पूरे विषय की परीक्षा होगी या फिर सभी विषयों के सभी प्रश्नपत्रों की परीक्षा होगी। विश्वविद्यालय ने इसके साथ ही 29 नवंबर 2020 को जारी दिशा-निर्देशों के तहत उस वक्त नियम बनाया था कि बीए, बीएससी भाग एक के ऐसे छात्र जो कि एक विषय के समस्त या एक प्रश्नपत्र में सम्मलित हुए थे लेकिन वह संबंधित विषय के एक, दो या तीनों प्रश्नपत्रों में अनुत्तीर्ण या अनुपस्थित हो गए हैं, ऐसे छात्रों को अगली कक्षा में अस्थायी रूप से प्रोन्नत किया जाएगा।

अनुत्तीर्ण व अनुपस्थित छात्रों को परीक्षा सुधार परीक्षा में शामिल होना होगा। परीक्षा सुधार परीक्षा के परिणाम के आधार पर पूर्व नियम मान्य होंगे। इसी तरह से एमए, एमएससी व एमकॉम को लेकर नियम बनाया गया था। जो छात्र परीक्षा सुधार परीक्षा में फेल हो जाएंगे तो उनकी प्रोन्नति स्वत: ही निरस्त हो जाएगी। इन छात्रों को भी परीक्षा देनी होगी।

जल्द ही सेमेस्टर की परीक्षाओं का होगा मूल्यांकन
शासन के दिशा-निर्देशों के तहत विश्वविद्यालय ने सेमेस्टर के छात्रों को प्रोन्नत करने और परीक्षाओं को लेकर निर्णय ले लिया है। छात्रों को उनके पूर्व के सेमेस्टर के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। यही वजह है कि अब जल्द ही कापियों का मूल्यांकन शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालय के द्वारा परीक्षा भवन की साफ सफाई का काम कर दिया गया है।

संभावना है कि 15 जून को ग्रीष्म कालीन अवकाश खत्म होने के बाद शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय में बुलाया जाएगा। विश्वविद्यालय के द्वारा मार्च में विषम सेमेस्टर की परीक्षाओं का आयोजन कराया गया था। कुछ पाठ्यक्रमों के कई प्रश्नपत्रों की परीक्षा नहीं हो पायी थी। इसको लेकर भी जल्द ही विश्वविद्यालय दिशा-निर्देश जारी कर देगा।

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