हल्द्वानी: गर्भवती और छोटे बच्चों वाली महिला पुलिस कर्मियों को छूट का मामला हाईकोर्ट पहुंचा
नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कोविड की संभावित तीसरी लहर के दौरान पुलिस विभाग में कार्यरत गर्भवती महिलाओं, पांच साल तक के बच्चों की माताओं की सुरक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से तीन …
नैनीताल, अमृत विचार। उत्तराखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने कोविड की संभावित तीसरी लहर के दौरान पुलिस विभाग में कार्यरत गर्भवती महिलाओं, पांच साल तक के बच्चों की माताओं की सुरक्षा को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।
ऊधमसिंह नगर निवासी सुभाष तनेजा ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि विशेषज्ञों ने कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण होने की संभावना जताई है। ऐसे में पुलिस विभाग में कार्यरत गर्भवती महिलाओं, पांच साल तक के बच्चों की माताओं को खतरा हो सकता है। याचिका में इस दायरे में आने वाली महिला पुलिसकर्मियों को संभव होने पर अवकाश पर भेजने, फील्ड के बजाय ऑफिस ड्यूटी या घर से कार्य करने देने के निर्देश देने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता के अनुसार उनके द्वारा इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को प्रत्यावेदन भेजा था। इस पर डीजीपी ने एक साल तक के छोटे बच्चों की माता महिला पुलिसकर्मी को फील्ड ड्यूटी से छूट प्रदान की थी। याची ने आशंकित खतरे को देखते हुए इसको पर्याप्त नहीं बताया।
