बरेली: अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर, नए सेशन में फीस नहीं बढ़ा सकेंगे स्कूल
बरेली,अमृत विचार। कोरोना संक्रमण के भयावह रूप के बीच अभिभावकों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 में सभी स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक लगा दी है। कोई भी स्कूल इस बार फीस नहीं बढ़ा सकेगा। इस आदेश के बाद बरेली के करीब सवा दो लाख छात्रों …
बरेली,अमृत विचार। कोरोना संक्रमण के भयावह रूप के बीच अभिभावकों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। प्रदेश सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2021-22 में सभी स्कूलों की फीस वृद्धि पर रोक लगा दी है। कोई भी स्कूल इस बार फीस नहीं बढ़ा सकेगा। इस आदेश के बाद बरेली के करीब सवा दो लाख छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।
इसमें से सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 65 से 70 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हैं। लेकिन स्कूलों ने सत्र शुरू होते ही 7 से 10 फीसदी तक फीस बढ़ा दी थी। अब इन सभी विद्यालयों को अपनी फीस समायोजित करनी होगी।
कोरोना की वजह से फीस को लेकर बीते वर्ष भी घमासान मचा था। अभिभावक किसी न किसी माध्यम से शासन तक अपनी बात पहुंचाने की पूरी कोशिश की थी। उनको उम्मीद थी कि कोरोना संक्रमण की वजह से उन्हें फीस में छूट मिलेगी लेकिन शासन ने अभिभावकों को फीस में छूट तो नहीं दी। लेकिन फीस वृद्धि पर रोक जरूर लगा दी थी।
इस बार सत्र की शुरुआत होते ही सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के विद्यालयों ने 7 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक फीस बढ़ा दी। इसके बाद कई अभिभावकों ने पहली पहली तिमाही की फीस जमा भी कर दी थी। मगर अब फीस न बढ़ाने के आदेश जारी हुए है। ऐसे में जिन अभिभावकों ने बढ़ी हुई फीस जमा की है। स्कूल को उन्हें अगली तिमाही में समायोजित करना होगा। इसी के साथ परीक्षा, खेल, विज्ञान प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, वार्षिक समारोह जैसी गतिविधियों के शुल्क में भी छूट होगी। कुल मिलाकर अब स्कूलों को इस बार भी पिछले वर्ष की तरह ही फीस लेनी होगी।
“शासन के आदेश का सभी स्कूल पालन करेंगे। जिन स्कूलों ने फीस बढ़ाई थी वह उसे आगे समायोजित कर देंगे। लेकिन सरकार ने शिक्षकों के वेतन को समय से देने की बात कही है। यह तो तभी संभव होगा जब अभिभावक समय से फीस जमा करा दें।” -पारुष अरोड़ा, अध्यक्ष, इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन
“सरकार का फैसला काफी सराहनीय है, हम फैसले का स्वागत करते हैं। लेकिन अगर कोई अभिभावक कोरोना की वजह से फीस जमा नहीं कर पाता तो उसकी फीस को अगले महीनों में किस्तों के रूप में स्कूलों को लेनी चाहिए। जैसा कि आदेश में भी कहा गया है।” -अंकुर सक्सेना, अध्यक्ष, अभिभावक संघ
“सरकार का फीस न बढ़ाने का आदेश काफी अच्छा है। इससे राहत मिलेगी। लेकिन कुछ स्कूल आदेश के बाद भी अपनी मनमर्जी करते हैं। ऐसे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही स्कूलों को भी अभिभावकों की समस्या को सुनना चाहिए।” -अंजू, अभिभावक, सुभाष नगर
“जो भी स्कूल शासन के आदेश का उल्लघंन कर फीस में बढ़ोतरी करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन्होंने फीस बढ़ा दी है उन्हें अगले महीनों में उसे समायोजित करना होगा।” -डॉ. अमरकांत सिंह, डीआईओएस
