वैक्सीन का फार्मूला दूसरी कंपनियों को भी दिया जाएगा

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ज्ञानेंद्र सिंह, अमृत विचार, नई दिल्ली। तीसरे चरण के टीकाकरण में वैक्सीन की भारी मांग को पूरा करने के लिए सिर्फ दो कंपनियों के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया है। वैक्सीन का फार्मूला प्रतिष्ठित कंपनियों को भी दिया जाएगा। इससे पहले सरकार वैक्सीन के निर्यात पर भी रोक लगा चुकी है। वैक्सीन संकट को …

ज्ञानेंद्र सिंह, अमृत विचार, नई दिल्ली। तीसरे चरण के टीकाकरण में वैक्सीन की भारी मांग को पूरा करने के लिए सिर्फ दो कंपनियों के एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया है। वैक्सीन का फार्मूला प्रतिष्ठित कंपनियों को भी दिया जाएगा। इससे पहले सरकार वैक्सीन के निर्यात पर भी रोक लगा चुकी है।

वैक्सीन संकट को लेकर पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक समीक्षात्मक बैठक की थी जिसमें सिरम इंस्टीट्यूट फॉर भारत बायोटेक कंपनियों के अलावा दूसरी वैक्सीन निर्माता कंपनियों को लाइसेंस देने पर विचार किया गया था। रसायन मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 12 अन्य कंपनियों को वैक्सीन बनाने का फार्मूला दिया जाएगा जिसमें एक कंपनी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की भी है।

18 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण शुरू होने के बाद कई राज्यों में वैक्सीन का संकट आ गया था। तब कई विशेषज्ञों ने रिपोर्ट दी थी की पूरी दुनिया में किसी भी बीमारी के लिए 70 फीसद वैक्सीन आपूर्ति करने की क्षमता भारत में है। लेकिन कुछ तकनीकी कारणों के चलते भारत को स्वयं कोरोना वैक्सीन के संकट से जूझना पड़ रहा है। इसमें यह भी सुझाव आया था कि भारत में वैक्सीन बनाने वाली तीन बड़ी सरकारी कंपनियां भी हैं जिन्हें यदि कोरोना वैक्सीन बनाने की छूट दे दी जाए तो आठ करोड़ खुराक अतिरिक्त उत्पादन हो सकता है। जबकि अभी सीरम एवं बायोटेक नामक दोनों कंपनी 7.5 करोड़ खुराक वैक्सीन बना रही है।

रसायन सचिव योगेंद्र त्रिपाठी एवं विज्ञान व तकनीकी सचिव रेनू स्वरूप सहित कई उच्च अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद कोरोना वैक्सीन का फार्मूला दूसरी कंपनियों को देने पर सहमति बन गई है। जबकि इससे पहले सरकार ने फाइजर, मॉडर्ना जॉनसन एंड जॉनसन व एक अन्य विदेशी कंपनी से वैक्सीन आयात करने का फैसला लिया था।

सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि कोरोना वैक्सीन का स्वदेशी उत्पादन का लाइसेंस दूसरी कंपनियों को देने का सीरम एवं बायोटेक विरोध कर रही हैं। इन दोनों कंपनियों ने वैक्सीन बनाने के लिए सरकार को क्रमश: 40 करोड़ एवं 21 करोड़ डालर (कुल 1586 करोड़ रुपए) देने का अनुबंध किया है।

दूसरी कंपनियों के आने के बाद माना जा रहा है कि सितंबर माह तक भारत में कोरोना वैक्सीन का अत्यधिक भंडारों हो जाएगा और वैक्सीन को पुनः निर्यात करने का अवसर मिलेगा। अभी वैक्सीन के निर्यात पर 4 माह तक के लिए रोक है। अब तक भारत से 6.6 करोड़ वैक्सीन निर्यात हो चुका है। सरकार ने आने वाले 3 माह के अंदर 70 फीसद टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

पिछले सौ दिनों के दौरान टीकाकरण की रफ्तार धीमी थी जिसके चलते 10 फीसद से भी कम लोगों ने टीका लगवाया था। लेकिन अब 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवाओं को भी टीकाकरण में शामिल किया गया है जिसमें पर्याप्त वैक्सीन न होने की शिकायतें मिल रही थी। कई विपक्षी पार्टियों ने वैक्सीन निर्माताओं और केंद्र सरकार के बीच सांठगांठ का आरोप लगाते हुए मांग की थी कि दूसरी कंपनियों से भी वैक्सीन का निर्माण करवाया जाए।

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