मुरादाबाद : पति का रोजगार हुआ ठप तो जीवन संगनी ने संभाली कमान

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मुरादाबाद, अमृत विचार। कोरोना काल में लगे लाकडाउन के दौरान जहां कई लोगों के कामकाज ठप हो गए हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस मुश्किल घड़ी में भी हिम्मत नहीं हारे हैं। जी हां, हम बात रहे है देश की आधी आबादी की। लाकडाउन में जब घर के पुरुषों का रोजगार ठप …

मुरादाबाद, अमृत विचार। कोरोना काल में लगे लाकडाउन के दौरान जहां कई लोगों के कामकाज ठप हो गए हैं, वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जो इस मुश्किल घड़ी में भी हिम्मत नहीं हारे हैं। जी हां, हम बात रहे है देश की आधी आबादी की। लाकडाउन में जब घर के पुरुषों का रोजगार ठप हो गया और परिवार पर रोजी-रोटी का संकट आ पड़ा तो महिलाओं ने तारणहार बन कर परिवार को संकट से उबारा। शहर की कई महिलायें व युवतियां ऐसी हैं, जो लाकडाउन में घर के पुरुषों का काम बंद होने के बाद खुद नौकरी या अपना रोजगार कर परिवार को पाल रही हैं।

लाकडाउन में सब्जी बेच रही मायादेवी
शहर के बंगला गांव के रहने वाले राकेश कुमार पीतल की पालिश का काम करते हैं। उनके परिवार में पत्नी मायादेवी के अलावा तीन बच्चे शिवम (13), अजय (12) व ऋषि (7) हैं। परिवार के पालन-पोषण का दायित्व राकेश के कंधों पर था। लेकिन, कोरोना काल में लगे लाकडाउन में उनका काम ठप हो गया। कुछ दिन तक तो उन्होंने घर का खर्चा उठा लिया। लेकिन बाद में दिक्कत होने लगी। इस पर पत्नी मायादेवी ने हिम्मत की और खुद सब्जी बेचने का निर्णय लिया। इसके बाद वह लगातार सब्जी बेचकर अपने परिवार का पालन कर रही हैं। मायादेवी ने बताया कि लाकडाउन में लगातार जिला अस्पताल के सामने दुकान लगाकर सब्जी बेचती हैं। इससे परिवार का खर्च चल जाता है। उनका कहना है कि सरकार ने सब्जी बेचने पर कोई रोक नहीं लगाई है। लेकिन, पुलिस उन्हें दुकान नहीं लगाने देती है। उन्होंने इसके लिए प्रशासन से छूट देने की गुहार लगाई है।

पति हुआ बेरोजगार तो सुमैया ने संभाली जिम्मेदारी
शहर की हिमगिरी कालोनी निवासी सुमैया लाकडाउन के मुश्किल समय में परिवार के लिए संकटमोचक बन गईं। उनके पति इशहाक आटो रिक्शा चलाते हैं। लाकडाउन में रोजगार ठप हो गया। परिवार में पत्नी समेत तीन नन्हे-मुन्नों की जिम्मेदारी भी थी। लाकडाउन के बीच काफी दिक्कतें आई। इसे देखते हुए सुमैया ने कुछ करने की ठान ली। पति की परेशानी को देखते हुए उन्होंने काम की तलाश शुरू कर दी। संयोग की बात यह रही कि उन्हें भी उसी पेंट्रोल पंप पर काम मिल गया, जहां नेहा नौकरी कर रही हैं। कोरोना महामारी में लगे लाकडाउन के दौर में सुमैया पेट्रोल पंप पर कार्य करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही हैं। उनके तीन बच्चे अदनान (11), लहविश (9) और निमसा (5) हैं। बच्चों और पति के लिए उन्होंने घर से बाहर निकलकर नौकरी करने में संकोच नहीं किया और समाज के लिए मिसाल बन गईं।

-सलमान खान

 

 

 

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