अक्षय तृतीया: लॉकडाउन में नहीं मिल रहा सोना तो इस चीज का करें पूजन, खुल जाएंगे किस्मत के द्वार!
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। यह वर्ष के स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में से एक है इसलिए इसका बहुत महत्व है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई 2021 शुक्रवार को …
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाता है। यह वर्ष के स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में से एक है इसलिए इसका बहुत महत्व है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई 2021 शुक्रवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से सुख समृद्धि आती है। अक्षय तृतीया के दिन सूरज की किरणें बहुत तेज धरती पर पड़ती हैं। सूर्य की तुलना सोने से की जाने की वजह से इस दिन सोना खरीदना शक्ति और ताकत का प्रतीक माना जाता है। यदि आप लॉकडाउन में सोना न खरीद पाने से परेशान हैं तो यह आर्टिकल आपकी यह समस्या दूर कर देगा।
इस बार तृतीया तिथि 14 मई को सूर्योदय पूर्व प्रात: 5.38 बजे से प्रारंभ होकर 15 मई को प्रात: 8 बजे तक रहेगी। अर्थात् तृतीया तिथि 26 घंटे 22 मिनट तक अहोरात्र में रहेगी। तृतीया तिथि दो दिन सूर्योदयकालीन रहेगी लेकिन पर्वकाल 14 मई को ही संपूर्ण दिनरात रहेगा। इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम ने महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुकादेवी के घर जन्म लिया था। यही कारण है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। इस दिन भगवान परशुराम की पूजा करने का भी विधान है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का भी बहुत महत्व है।
सोना नहीं खरीद सकते तो न करें चिंता
अक्षय तृतीया पर स्वर्ण खरीदने और उसकी पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में हमेशा संपन्नता बनी रहती है लेकिन इस बार बाजार बंद होने की वजह से सोना नहीं खरीद पाएंगे। इसलिए आपके घर में सोने के जो भी आभूषण उपलब्ध हों, उनकी ही पूजा कर लें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार स्वर्ण पर विशेष तौर पर बृहस्पति का आधिपत्य होता है। इसलिए इस दिन स्वर्ण पूजा करके बृहस्पति की भी विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है।
यह भी कारगर उपाय
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जौ को स्वर्ण के बराबर माना गया है। ऐसे में ज्योतिष शास्त्री उन जातकों को जो सोना खरीदने या दान करने में सक्षम नहीं हैं उन्हें जौ खरीदकर पूजा करने की सलाह देते हैं। लॉकडाउन के बीच आप जौ खरीदकर शगुन पूरा कर सकते हैं। अक्षय तृतीया की पूजा के समय लाल कपड़े में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के सामने लाल कपड़े में थोड़ा सा जौ रखकर पूजा करें। पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रखें। सम्पन्नता बनी रहेगी।आप चाहे तो किसी गरीब को जौ का दान भी कर सकते हैं।
मां लक्ष्मी की करें पूजा
अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ण के साथ लक्ष्मी पूजा का भी खास महत्व होता है। इस दिन दीपावली की तरह ही महालक्ष्मी का पूजन भी किया जाता है। घर के सभी स्वर्ण आभूषणों को कच्चे दूध और गंगाजल या शुद्ध जल से धोकर एक लाल कपड़े पर रखें और केसर, कुमकुम से पूजन कर लाल पुष्प अर्पित करें। इसके बाद महालक्ष्मी के मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
या
लक्ष्मी बीज मंत्र ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥
मंत्र की एक माला कमलगट्टे की माला से जाप करें। कर्पूर से आरती करें। इसके बाद शाम के समय इन आभूषणों को यथास्थान तिजोरी में रख दें।
दान करना भी शुभ
यह तिथि वसंत ऋतु के अंत और ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ का दिन भी है इसलिए अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे घड़े, कुल्हडे, सकोरे, पंखे, खड़ाऊ, छाता, चावल, नमक, घी, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, साग, इमली, सत्तू आदि गर्मी में लाभकारी वस्तुओं का दान पुण्यकारी माना गया है।
