हल्द्वानी: “ठप्प मजदूरी, बंद रोजगार; कामगारों, मजदूरों, बेरोजगारों की जिम्मेदारी लो सरकार!”
हल्द्वानी, अमृत विचार। “ठप्प मजदूरी, बंद रोजगार, कामगारों, मजदूरों, बेरोजगारों की जिम्मेदारी लो सरकार!” ये नारा आज नैनीताल जिले में कई स्थानों पर गूंजा। मांग थी कि राज्य के बिगड़ते हालातों के बीच सरकार अपनी जिम्मेदारी तय करे और मजदूरों, कामगारों बेरोजगारों को राहत देने के मकसद से ठोस कदम उठाए। भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं …
हल्द्वानी, अमृत विचार। “ठप्प मजदूरी, बंद रोजगार, कामगारों, मजदूरों, बेरोजगारों की जिम्मेदारी लो सरकार!”
ये नारा आज नैनीताल जिले में कई स्थानों पर गूंजा। मांग थी कि राज्य के बिगड़ते हालातों के बीच सरकार अपनी जिम्मेदारी तय करे और मजदूरों, कामगारों बेरोजगारों को राहत देने के मकसद से ठोस कदम उठाए।
भाकपा (माले) के कार्यकर्ताओं ने अपने घरों पर धरना देकर कोविड कर्फ्यू में बेरोजगार हुए मजदूरों, कामगारों की दैनिक जरूरतों की जिम्मेदारी केंद्र व राज्य सरकार से लेने की मांग की है। जिला सचिव डॉ कैलाश पांडेय ने कहा कि राज्य में कोरोना महामारी के कारण एक गंभीर स्थिति बन गई है। काम बंद होने से लाखों दिहाड़ी मजदूर बेरोजगार हैं और दूसरी तरफ एक लाख से अधिक प्रवासियों की वापसी हुई है। जो आज भी रोजी रोटी के लिए जूझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन लोगों को राहत, रोजगार देने के बजाय राजस्व वसूली में लगी हुई है। शायद यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आपदा में अवसर वाले सूत्र का अर्थ है। सख्त लहजे में कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती है उनका आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान ललित मटियाली, विमला रौथाण, किशन बघरी, नैन सिंह कोरंगा, ललित जोशी, राजेंद्र साह, हरीश चंद्र सिंह भंडारी, आनंद सिंह दानू, पार्वती कोरंगा, निर्मला शाही, उमेश चंद्र, मुन्नी रावत आदि मौजूद थे।
= ये हैं प्रमुख मांगें =
= पानी और बिजली बिलों को पूरी तरह से माफ किया जाए
= प्रवासी मजदूरों के लिए निशुल्क राशन की व्यवस्था की जाए
= मनरेगा में काम के दिनों को 200 दिन तक बढ़ाया जाए
= शहरों और पहाड़ों में दिहाड़ी मजदूर और प्रवासियों को रोजगार व स्वरोजगार से जोड़ने के लिए योजना बनाई जाए
= राज्य में हर मजदूर या गरीब परिवार को न्यूनतम छह हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक मदद की जाए
