चौधरी अजित सिंह: IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग, फिर अमेरिका में पढ़ाई-नौकरी, ऐसे आए राजनीति में
लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का आज निधन हो गया। वह कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे और गुरुग्राम के आर्टिमिस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रालोद के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री 82 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार कोरोना के …
लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह का आज निधन हो गया। वह कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए थे और गुरुग्राम के आर्टिमिस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रालोद के मुखिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री 82 वर्ष के थे।
जानकारी के अनुसार कोरोना के कारण उनके फेफड़ों में संक्रमण बढ़ गया था जिससे उनकी हालत बेहद नाजुक हो गई थी और इसी के चलते उनका निधन हो गया। भारतीय राजनीति के पहले आईआईटियन राजनेता थे।

मेरठ के भदौला गांव में हुआ था जन्म
राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक एवं पूर्व केबिनेट मंत्री चौधरी अजित सिंह का जन्म 12 फरवरी 1939 को मेरठ के भदौला गांव में हुआ था। चौधरी अजित सिंह भारतीय राजनीति के पहले आईआईटियन राजनेता थे।

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे थे अजित सिंह
चौधरी अजित सिंह भारतीय राजनीति में प्रमुख राष्ट्रीय नेता थे। वह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे थे। अजित सिंह एनडीए सरकार में कृषि मंत्री रहे और 2011 में वह केन्द्र की यूपीए सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रहें। बागपत जिले में बावड़ी गांव उनके लिए बेहद प्रिय है।

खड़गपुर आईआईटी से की थी बी.टेक की पढ़ाई
उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएससी और खड़गपुर आईआईटी से बी.टेक की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद स्नातकोत्तर की डिग्री अमेरिका के शिकागो से प्राप्त की। अजित सिंह ने करीब 15 साल तक अमेरिका की कंप्यूटर इंडस्ट्री में काम किया था।

चौधरी अजित सिंह के बारें में ऐसी बातें नहीं जानते होंगे आप
जाट और किसान नेताओं के रूप में पहचान बनाने वाले चौधरी अजित सिंह ने 17 साल तक अमेरिका में नौकरी करने के बाद 1980 में अपने पिता की ओर से बनाए गए राजनीतिक पार्टी लोक दल को एक बार फिर सक्रिय करने के लिए भारत लौट आए।
साल 1986 में चौधरी अजित सिंह पहली बार राज्यसभा सदस्य के तौर पर चुने गए। उन्होंने पश्चिम उत्तर प्रदेश से 7 बार लोकसभा चुनाव भी जीता। विश्वनाथ प्रताप सिंह की अगुवाई वाली सरकार में चौधरी अजित सिंह 1989-90 तक केन्द्रीय उद्योग मंत्री रहे।
1990 के दशक में अजित सिंह कांग्रेस के सदस्य बन गए। पी.वी. नरसिम्हा राव के काल में वर्ष 1995-1996 तक वे खाद्य मंत्री भी रहे। 1996 में कांग्रेस के टिकट पर जीतने के बाद वे लोकसभा सदस्य बने।
2019 में लोकसभा चुनाव वे हार गए थे। उनके बेटे जयंत चौधरी को भी हार का सामना करना पड़ा था। इनके परिवार में पत्नी राधिका सिंह और दो बच्चे हैं।
