बरेली: रोडवेज आ रहीं…कोरोना ला रहीं!, जांच के नाम पर हो रही सिर्फ खानापूर्ति
बरेली, अमृत विचार। आज इस माहामारी को लेकर देश के ज्यादातर राज्यों ने अपने प्रदेश की जनता की सुरक्षा को लेकर पूर्ण लॉकडाउन लगा रखा है साथ ही अपने प्रदेशों की सीमाओं को भी बंद कर दिया है। लेकिन राज्यों की सीमा पर यात्रियों की अदला-बदली का खेल चल रहा है। वहीं उ.प्र. के परिवहन …
बरेली, अमृत विचार। आज इस माहामारी को लेकर देश के ज्यादातर राज्यों ने अपने प्रदेश की जनता की सुरक्षा को लेकर पूर्ण लॉकडाउन लगा रखा है साथ ही अपने प्रदेशों की सीमाओं को भी बंद कर दिया है। लेकिन राज्यों की सीमा पर यात्रियों की अदला-बदली का खेल चल रहा है। वहीं उ.प्र. के परिवहन विभाग के अधिकारियों में महामारी को लेकर किसी तरह की सूझबूझ नजर नहीं आ रही है।
बरेली के पुराने रोडवेज बस अड्डे से हर दिन बसों का संचालन किया जा रहा है जिसमें दूसरे जिलों के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में प्रवासियों को लाया जा रहा है। रोडवेज बस अड्डे पर मथुरा, आगरा, मेरठ, कौशांबी, काशीपुर, हरिद्वार, अलीगढ़, हल्द्वानी, काठगोदाम व अन्य कई जगहों से प्रवासी बिना जांच के शहर में आ रहे हैं। बुधवार को रोडवेज पर अजमेर डिपो की बस भी खड़ी दिखाई दी जोकि सवारियों को लेकर बरेली पहुंची थी।
दोपहर के बाद नहीं दिखे कोवड हेल्प डेस्क पर स्वास्थ्य कर्मी
जिले में सभी भीड़भाड़ वाली जगहों पर कोविड हेल्प डेस्क बनाए गए हैं जहां पर प्रवासियों की एंटीजन जांच की जाती है। ऐसी ही एक हेल्प डेस्क रोडवेज बस अड्डे पर भी बनाया गया है। दोपहर के करीब बजे रोडवेज पहुंचने पर बकिस्मत दो स्वास्थ्य कर्मी अर्जुन कश्यप कोविड हेल्प डेस्क पर मौजूद मिले। बातचीत करने पर बताया कि बुधवार सुबह से करीब 25 लोगों की जांच की गई थी। जिनमें से सभी कोरोना निगेटिव पाए गए। उन्होंने बताया कि अगर किसी प्रवासी की जांच पॉजिटिव आती है तो उसको दवा देकर वापस होम आइसोलेशन में भेज दिया जाता है। वहीं कुछ रोडवेज कर्मचारियों ने यह भी बताया कि दोपहर 2 बजे के बाद कोविड डेस्क खाली हो जाती है और उसके बाद आने-जाने वाले किसी प्रवासी की जांच नहीं हो पाती। समाज में संक्रमण फैलने के खतरों से इंकार नहीं किया जा सकता।

बसों के सैनेटाइजेशन न होने से भयभीत चालक व परिचालक
रोडवेज पर कुछ बसों के चालक व परिचालकों में अधिकारियों की लापरवाही देख कोरोना का डर सताने लगा है। उनका कहना है कि अधिकारी किसी भी बस को सैनेटाइज नहीं कर रहे हैं। जिस बस में यात्री पॉजिटिव मिले उसे भी सैनेटाइज नहीं किया गया। जिसके चलते कर्मचारियों के साथ-साथ यात्रा करने वाले लोगों पर भी संक्रमण का खतरा है। अधिकारी सिर्फ हवा में सुरक्षा का दावा ठोंकते हैं।
कुछ यूं चल रहा बाहरी प्रवासियों को शहर में लाने का खेल
संक्रमण फैलने के डर से ज्यादातर राज्य सरकारों ने अपने राज्य की सीमाओं को बंद कर दिया है लेकिन प्रवासियों के आने-जाने पर रोक नहीं है। बरेली डिपो की बसें दूसरे राज्य की सीमाओं तक जाती हैं वहां वे दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री बसों का इंतजार करते है। बिना यात्रियों की कोवड जांच के बस चालक प्रवासियों को बसों से उनके गंतव्य तक लेकर जाते हैं। तय जगह पर पहुंचने के बाद भी कई शहरों में सभी प्रवासियों की कोविड जांच नहीं की जा रही है।
