बरेली: आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट आने से पहले दम तोड़ रहे मरीज

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना जैसे-जैसे अपने पांव पसार रहा है। वैसे-वैसे जिले का स्वास्थ्य विभाग लापरवाह होता जा रहा है। बुखार, खांसी के लक्षण दिखने पर कोरोना की जांच के लिए प्रेरित जरूर किया जा रहा है पर हालात ये हैं कि आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट ही 10-10 दिन तक नहीं आ रही। इस बीच …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना जैसे-जैसे अपने पांव पसार रहा है। वैसे-वैसे जिले का स्वास्थ्य विभाग लापरवाह होता जा रहा है। बुखार, खांसी के लक्षण दिखने पर कोरोना की जांच के लिए प्रेरित जरूर किया जा रहा है पर हालात ये हैं कि आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट ही 10-10 दिन तक नहीं आ रही। इस बीच कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें जांच रिपोर्ट आने से पहले ही मरीज दम तोड़ चुके थे। रिपोर्ट के अभाव में उन्हें बीमारी का उचित इलाज ही नहीं मिल पाया।

डॉक्टरों का मानना है कि वर्तमान में हर तीसरे घर में संक्रमित मरीज हैं। ऐसे में डॉक्टर बुखार व खांसी के लक्षण दिखने पर कोरोना जांच की सलाह दे रहे हैं। सरकार भी यही कह रही है लेकिन जिले में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट में पेंडेसी बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल स्थित बीएसएल-3 लैब में सैंपल की जांच होती है। हालांकि, लैब प्रभारी स्टाफ के संक्रमित होने व सैंपल की अधिकता की बात कह रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस रणनीति भी नहीं बना पा रहा है ताकि जांच रिपोर्ट जल्द मिल सके।

केस 1: सैंपल लिया, दवाई नहीं दी, हुई मौत
सनराइज कॉलोनी निवासी 40 वर्षीय महिला की तबीयत खराब होने पर 30 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच के लिए सैम्पल दिया। इस दौरान मरीज के संबंध में कोई हिदायत और दवा नहीं दी गई। एक मई को रिपोर्ट आने से पहले उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि उनको लक्षण लग रहे थे, लेकिन हम रिपोर्ट का ही इंतजार करते रहे।

केस 2: आठ दिन बताया, कोरोना, अगले दिन मौत
शहर के प्रेमनगर निवासी 50 वर्षीय वृद्ध की तबीयत खराब होने पर 24 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच के लिए सैम्पल दिया गया। हालत बिगड़ती गई और आठ दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि उन्हें कोरोना है तब तक उनकी हालत बहुत गंभीर हो चुकी थी। सरकारी कोविड हास्पिटल में भर्ती कराया जहां तीन मई को दम तोड़ दिया।

“जिले में संक्रमितता दर बढ़ गई है। ऐसे में लैब में करीब एक हजार सैंपल की जांच पेंडिग है। बीते दिनों अधिकांश स्टाफ संक्रमित हो गया था। जैसे-तैसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से स्टाफ की पूर्ति की गई। इस वजह से देर हो रही है।” -डा. जसकरन, बीएसएल-3 लैब प्रभारी

“जिले में रोजाना 700-800 संक्रमित निकल रहे हैं। ऐसे में लैब पर भी बेहद दबाव है। आमजन के सैंपलों की जांच अधिक से अधिक करने को लेकर निर्देशित किया गया है।” -डा. एसके गर्ग, सीएमओ

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