मुख्तार संबंधी एम्बुलेंस मामले में मऊ की डॉक्‍टर अलका राय समेत दो गिरफ्तार

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लखनऊ। यूपी आने के बाद बाहुबली नेता व माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किले बढ़ना तय है। क्योंकि पंजाब में पेशी के दौरान यूपी के नंबर की जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया था, वह बीजेपी नेता डॉ. अल्का राय के अस्पताल के नाम थी, इसमें उसके भाई शेषनाथ का भी नाम सामने आया था। बाराबंकी …

लखनऊ। यूपी आने के बाद बाहुबली नेता व माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किले बढ़ना तय है। क्योंकि पंजाब में पेशी के दौरान यूपी के नंबर की जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल किया गया था, वह बीजेपी नेता डॉ. अल्का राय के अस्पताल के नाम थी, इसमें उसके भाई शेषनाथ का भी नाम सामने आया था। बाराबंकी पुलिस ने अब दोनों के गिरफ्तार कर लिया है। सोमवार की देर रात डॉ. अल्का राय के घर पुलिस ने छापेमारी की थी जिसके बाद ये गिरफ्तारी हुई है।

मंगलवार की सुबह प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए एसपी बाराबंकी यमुना प्रसाद ने बताया कि एसआईटी की जांच के बाद ये गिरफ्तारी की गई है। बता दें इस गिरफ्तारी के बाद असल सच सामने लाने में आसानी होगी, क्योंकि डॉ. अल्का राय लगातार एंबुलेंस अपनी मानने से इनकार कर रही थी। उसके बाद डॉ. अल्का राय ने मीडिया को बताया था कि मुख्तार ने एंबुलेंस के पेपर पर जबरन उनसे हस्ताक्षर कराये थे।

दोनों की पेशी के लिए कोर्ट पहुंची पुलिस
पुलिस के मुताबिक डॉ. अलका राय पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर एम्बुलेंस का पंजीकरण कराने का आरोप है। दोनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया रहा है। इस मामले में एक आरोपी राजनाथ यादव की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। पुलिस अधीक्षक बाराबंकी ने बताया कि डॉ. अलका राय ने कहा था कि माफिया डॉन मुख़्तार ने जबरन उनसे कागजात पर हस्ताक्षर करवाए थे। अलका राय के बयान के आधार पर बाराबंकी पुलिस ने मुख़्तार के खिलाफ साजिश और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया।

डॉ. अल्का राय के बयान पर मऊ से हुई थी राजनाथ ​की गिरफ्तारी
केस दर्ज होने के बाद बाराबंकी पुलिस ने इस मामले में मऊ की भाजपा नेता डॉक्टर अलका राय के अस्पताल का नाम आने के बाद मऊ जाकर पड़ताल की। इस मामले में मुख्तार के खास राजनाथ यादव को पकड़ा गया। उसकी ओर से कई जानकारी मिलने के बाद अल्का राय व उसके भाई को गिरफ्तार किया गया है।

31 मार्च को एंबुलेंस का सच आया था सामने
बीती 31 मार्च को जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था तब उसे एक यूपी नंबर की एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था। इस एंबुलेंस पर बाराबंकी का नंबर था। इस मामले में पुलिस का शिकंजा कसते ही मुख्तार के गुर्गे उसे रुपनगर में एक ढाबे के पास लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए थे।

श्याम संजीवनी अस्पताल के नाम है एंबुलेंस
जांच में पाया गया कि एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम है, और ये हॉस्पिटल बीजेपी नेता डॉ. अल्का राय के नाम पर चल रहा है। इसमें पेपर के नाम पर हॉस्पिटल का लेटर और डॉक्टर अलका राय का वोटर कार्ड लगाया गया था। इसमें भी रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट व मकान का पता फर्जी पाया गया था। जिसके बाद बाराबंकी में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने अब मामले से जुड़े सारे कनेक्शन खोज लिए हैं।

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