बरेली: रिंग रोड भूले अफसर, न सर्वे किया न डिजाइन बनाया
अमृत विचार, बरेली। शहर में सड़कों पर यातायात का दबाव कम करने के लिए प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण में अभी देर लगेगी। पीडब्ल्यूडी ने अब तक इस रोड का डिजाइन तैयार करना तो दूर, सर्वे तक नहीं किया है। अधिकारियों ने व्यस्तता बताते हुए अब अगले वित्तीय वर्ष अप्रैल में यह औपचारिकता पूरी करने …
अमृत विचार, बरेली। शहर में सड़कों पर यातायात का दबाव कम करने के लिए प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण में अभी देर लगेगी। पीडब्ल्यूडी ने अब तक इस रोड का डिजाइन तैयार करना तो दूर, सर्वे तक नहीं किया है। अधिकारियों ने व्यस्तता बताते हुए अब अगले वित्तीय वर्ष अप्रैल में यह औपचारिकता पूरी करने की जानकारी दी है।
रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव चार-पांच साल पहले भी तैयार हुआ था लेकिन बाद में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कोई ध्यान नहीं दिया तो अफसरों ने भी फाइल डंप कर दी है। अब रिंग रोड तैयार करने के लिए नए सिरे से कोशिश की जा रही है।
लखनऊ से दिल्ली के बीच ट्रैफिक के आवागमन के लिए बड़ा बाईपास बना है लेकिन फरीदपुर के पास से बदायूं रोड होते हुए दिल्ली नेशनल हाईवे पर जीरो प्वाइंट के आगे तक करीब 35 किलोमीटर तक सड़क बनाने की भी कोशिश चल रही है। बड़ा बाईपास से इस सड़क के मिलने पर शहर को रिंग रोड मिल जाएगी। इससे बदायूं की ओर जाने वाले वाहनों को भी सुगम रास्ता मिलने के साथ ही शहर के अंदर दाखिल होने वाले बड़े वाहनों की संख्या भी कम हो जाएगी।
रिंग रोड बनाने के लिए फरीदपुर-जीरो प्वाइंट के पास झुमका चौराहे के आगे तक जमीन का सर्वे करने सहित कई जगहों पर अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरी की जानी थी।
डीएम नितीश कुमार के इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाने के बाद पीडब्ल्यूडी, बीडीए, तहसील सदर व सिंचाई विभाग की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी। पिछले साल दिसंबर में तत्कालीन मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद की अध्यक्षता में भी रिंग रोड बनाने को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई थी।
इसमें तय हुआ था कि जमीन अधिग्रहण के बदले मुआवजे की रकम शामिल करते हुए करीब पांच सौ करोड़ रुपये से इनवर्टिस यूनिवर्सिटी के पास से बदायूं रोड पर रामगंगा तक रोड भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बनाएगा। रिंग रोड की प्रारंभिक लागत करीब एक हजार करोड़ रुपये बताई गई थी। हालांकि, रिंग रोड बनाने की इतनी कसरत के बाद इससे आगे की प्रक्रिया थम गई है।
पीडब्ल्यूडी सहित सर्वे में शामिल दूसरे विभागों के अधिकारियों ने रिंग रोड के लिए अब तक सर्वे ही नहीं किया है जबकि इस टीम की संस्तुति के बाद ही सड़क की डीपीआर के साथ ही डिजाइन आदि तैयार किया जाना है। अधिकारी अति व्यस्तता के कारण इस औपचारिकता को पूरा न कर पाने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि अब वित्तीय वर्ष खत्म हो रहा है और होली भी नजदीक है। इसलिए अप्रैल में इस औपचारिकता को पूरा किया जाएगा।
रिंग रोड बनाने के लिए अभी सर्वे किया जाना है और डिजाइन तैयार होना है। वित्तीय वर्ष का आखिरी समय होने के कारण व्यस्तता है। अप्रैल में इस प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिश होगी।
-हरबंश सिंह, अधिशासी अभियंता निर्माण खंड भवन, पीडब्ल्यूडी
