बरेली: कुरान की तौहीन किसी हाल में बर्दाश्त नहीं- अहसन मियां

बरेली: कुरान की तौहीन किसी हाल में बर्दाश्त नहीं- अहसन मियां

अमृत विचार,बरेली। शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा कोर्ट में दायर जनहित याचिका और उनके बयानों को लेकर बरेलवी मुस्लिम समुदाय में भारी नाराजगी है। दरगाह आला हजरत से जुड़े तमाम संगठन, उलेमा ने वसीम रिजवी की गिरफ्तारी की मांग की है। वे उन्हें इस्लाम से खारिज करने की बात भी कह …

अमृत विचार,बरेली। शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा कोर्ट में दायर जनहित याचिका और उनके बयानों को लेकर बरेलवी मुस्लिम समुदाय में भारी नाराजगी है। दरगाह आला हजरत से जुड़े तमाम संगठन, उलेमा ने वसीम रिजवी की गिरफ्तारी की मांग की है। वे उन्हें इस्लाम से खारिज करने की बात भी कह रहे हैं।

दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने कहा कि वसीम रिजवी कुरान का दुश्मन है। कुरान 1400 साल पहले नाजिल हुआ तब से लेकर आज तक उसमें एक नुक्ता (बिंदी) बराबर भी तब्दीली नहीं हुई और न ही कयामत तक कोई तब्दीली की गुंजाइश है। कुरान मुसलमानों के लिए हिदायत है और लोगों को बेहतर जिंदगी गुजारने और हमें अल्लाह का कानून बताती है। मौजूदा कुरान का हर हुरुफ (अक्षर) और आयत हक है जो अल्लाह की तरफ से नाजिल की हुई है।

कुरान की किसी भी आयत से समाज को किसी तरह का गलत संदेश नहीं पहुंचता। ये सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का जरिया है। मौलाना जाहिद रजा ने कहा कि कुरान की तौहीन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुरान की हिफाजत का जिम्मा अल्लाह ने लिया है। वसीम रिजवी जैसे लोग समाज में जहर घोलना चाहते हैं। मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने कहा कि ऐसे लोग समाज, इंसानियत, देश की अखंडता, एकता व भाईचारे के दुश्मन हैं।

वसीम रिजवी पर एनएसए लगाकर भेजें जेल
सुन्नी बरेलवी मरकज दरगाह आला हजरत से शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी के बयान की उलेमा ने सख्त निंदा की है। जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां ने कहा कि कुरान अल्लाह की नाजिल की गई पवित्र किताब है। वसीम जैसा इंसान मुल्क की अमन व शांति के लिए खतरा है। ऐसे इंसान पर एनएसए के तहत कार्रवाई कर जेल में बंद कर देना चाहिए। मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकते हैं लेकिन कुरान के खिलाफ एक शब्द भी सुनना बर्दाश्त से बाहर है।

प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि वसीम का मुसलमान धर्म से और शरियत से कोई सबंध नहीं है। वसीम बताएं कि वह किस धर्म को मानते हैं? क्योंकि वह मुस्लिम विरोधी संगठनों के एजेंट है। उसके इस बयान के खिलाफ सभी मसलक एवं मुस्लिम तन्जीम को विरोध करना चाहिए। यह कोई पहला मौका नहीं है कि उसने मजहबी जज्बात भड़काकर मुल्क का माहौल खराब करने की कोशिश की है।

मस्जिद में नमाजियों ने भी किया विरोध
वसीम रिजवी के कोर्ट में यचिका दाखिल करने के बाद से ही हर तरफ से उसका विरोध शुरू हो गया है। रविवार को नौमहला मस्जिद में नमाज के बाद दरगाह नासिर मियां पर वसीम रिजवी पर लाहौल पढ़ा गया। इमाम मुफ्ती अब्दुल बाकी ने कहा कि लाहौल शैतान और उसकी शैतानियत को दूर भगाता है। वसीम रिजवी की हरकतें भी शैतानियत जैसी हैं। दरगाह नासिर मियां के खादिम शाने अली कमाल मियां साबरी ने कहा कि वसीम रिजवी जैसे लोग अपने घर परिवार के नहीं तो देश के क्या होंगे। समाजसेवी पम्मी खान वारसी ने कहा कि कुरान की शान में गुस्ताखी करके वसीम ने सभी मुसलमानों के दिल को दुखाया है।

आईएमसी देगी ज्ञापन
शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा दायर जनहित याचिका और उनके बयानों को लेकर उसके विरोध में शिया और सुन्नी मुसलमान उतर आए हें। आईएमसी पहलवान साहब के मजार से जिलाधिकारी कार्यालय में पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन देगी। ज्ञापन के माध्यम से वह वसीम रिजवी पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की मांग करेंगे।

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