जिस राज्य में शराबबंदी वहां के मंत्री शराब कारोबार में लिप्त, जवाब दे सरकार- तेजस्वी

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पटना। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को बिहार में नीतीश सरकार पर सीधा हमला किया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार में भाजपा के एक मंत्री अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त हैं जबकि कमजोर एवं लाचार नजर आ रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। इससे पहले बिहार …

पटना। राजद नेता तेजस्वी यादव ने बृहस्पतिवार को बिहार में नीतीश सरकार पर सीधा हमला किया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार में भाजपा के एक मंत्री अवैध शराब के कारोबार में संलिप्त हैं जबकि कमजोर एवं लाचार नजर आ रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस मामले में कार्रवाई करने में असमर्थ हैं। इससे पहले बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार के मुजफ्फरपुर परिसर में शराब की कई बोतलें और कार्टन बरामद होने का आरोप लगाते हुए कहा था कि दोनों सदन के सदस्यों और राज्य के लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वास्तविकता क्या है।

उन्होंने कहा था कि जिस राज्य में शराबबंदी लागू है वहां के मंत्री के परिसर से शराब की बोतलों की बरामदगी के मुद्दे पर भी सरकार को जवाब देना चाहिए। पटना में प्रेसवार्ता के दौरान कुछ कागजात दिखाते हुए तेजस्वी ने कहा, ” यह अर्जुन मेमोरियल स्कूल से संबंधित दस्ताावेज एवं प्राथमिकी की कुछ प्रतियां हैं जिसके संस्थापक मंत्री हैं जबकि उनके भाई इस स्कूल के व्यवस्थापक हैं। कोई भी चाहे तो जाकर इनकी प्रमाणिकता की जांच कर सकता है।”

पिछले साल नवंबर में मुजफ्फरपुर में इस स्कूल से शराब बरामद की गई थी। राम सूरत राय जिले की औराई सीट से विधायक हैं। राजद नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी और आरोप लगाया कि ऐसा जान पड़ता है कि जब भी हम उनकी सरकार की किसी गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हैं तो वह बेखबर नजर आते हैं।

जदयू नेता मेवा लाल चौधरी के मामले का हवाला देते हुए तेजस्वी ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, ” मुख्यमंत्री किस तरह अपने मंत्रिमंडल में दागी लोगों को जगह देकर चिंता मुक्त हो जाते हैं। जबकि अखबार इस मामले को लगातार उठा रहे हैं। हमारे द्वारा इस मामले को जोर-शोर से उठाने तक उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया।” मेवा लाल चौधरी को गत नवंबर में शिक्षा मंत्री का पदभार ग्रहण करते ही उस समय इसे छोड़ना पड़ गया था, जब उनका नाम एक कृषि विश्वविद्यालय से संबंधित घोटाले में सामने आया।

सदन में आरोपों के बाद राजस्व और भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने बुधवार को आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि वह न तो कोई स्कूल चलाते हैं और न ही उनके स्वामित्व वाली जमीन के टुकड़े या जमीन से कोई शराब जब्ती की गई है। उन्होंने ने कहा था,”मैं न केवल राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दूंगा बल्कि दोषी पाए जाने पर राजनीतिक जीवन भी छोड़ दूंगा।” तेजस्वी ने कहा, ” जिस समय हम सदन मे यह मुद्दा उठा रहे थे, उस समय वह कहां थे? अब हम आरोप लगा रहे हैं कि वह स्कूल संचालन में पूरी तरह शामिल हैं, जहां से शराब जब्त की गई थी।”

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