बरेली: योजनाएं तमाम फिर भी छप्पर से निजात नहीं!

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अमृत विचार, बरेली। बेसहारा एवं पात्र लोगों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। गरीबों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है। इनका लाभ शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिलने का दावा भी किया जा रहा है। बावजूद इसके सिस्टम …

अमृत विचार, बरेली। बेसहारा एवं पात्र लोगों के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार तमाम योजनाएं चला रही है। गरीबों को छत देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है। इनका लाभ शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को मिलने का दावा भी किया जा रहा है। बावजूद इसके सिस्टम की लापरवाही के चलते तमाम गरीब आवास से वंचित होने पर खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। खुले आसमान के नीचे तिरपाल आदि में रहकर गुजर-बसर करना उनकी मजबूरी है।

अफसरों का दावा है कि पात्रों को लाभान्वित किया जा चुका है लेकिन वास्तविकता देख हकीकत को झुठलाया नहीं जा सकता। सड़क किनारे किसी तरह गुजर-बसर करने वाले प्रति व्यक्ति आय इतनी कम है कि परिवार तो दूर, अपना पेट पालना भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है।

जिले में आवास योजना का लाभ हर गरीब को मिले, इसके लिए चुनावी वादों से गरीबों का पेट भरने वाले जनप्रतिनिधियों ने चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी गरीबों की ओर मुड़कर नहीं देखा। आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीबों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को बस चुनाव के वक्त ही गरीब याद आते हैं। इसके बाद कोई सुध नहीं लेता। सरकारी योजनाएं भी इनसे कोसों दूर हैं। कई गरीब ऐसे हैं जो सरकार द्वारा चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना के अलावा कई अन्य योजना में पात्रता की सभी शर्तें पूरी करने के बाद भी सूची में जगह नहीं बना पाए हैं। झुग्गी-झोपड़ियों में जीवन बसर करना उनकी मजबूरी बन चुका है।

इधर, डीसी मनरेगा गंगाराम वर्मा का कहना है कि 2011 की आर्थिक जनगणना में शामिल हर पात्र व्यक्ति को प्रधानमंत्री योजना का लाभ दिया गया है। यदि कोई गरीब पात्रता की श्रेणी में होने के बाद भी योजना से वंचित रह गया है तो इसे दिखवाया जाएगा।

हमारे पास राशन कार्ड है। प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता श्रेणी में आते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई बार आवेदन भी किया। पिछले साल दिसंबर में सर्वे करने पहुंचे डूडा विभाग के कर्मचारी ने एक हजार रुपये की मांग की, नहीं देने पर योजना से वंचित कर दिया गया। – बबलू, मालियों की पुलिया

चुनावी समय में जनप्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना समेत कई योजनाओं का लाभ दिलाने के वायदे किए थे। जीतने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रधानमंत्री आवास का सपना तीन साल से देख रहे हैं लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ। आवास का लाभ मिल जाता तो आर्थिक स्थिति में काफी तेजी से सुधार होता। -महावीर, शाहजहांपुर रोड

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