‘आखिरी इच्छा- सरकार निरस्त करे तीनों कृषि कानून’ और किसान ने लगा ली फांसी

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चंडीगढ़। हरियाणा के हिसार जिले के एक किसान ने रविवार को टीकरी बॉर्डर विरोध स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करने वाले 49 वर्षीय किसान ने कथित तौर पर एक …

चंडीगढ़। हरियाणा के हिसार जिले के एक किसान ने रविवार को टीकरी बॉर्डर विरोध स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करने वाले 49 वर्षीय किसान ने कथित तौर पर एक सुसाइड नोट छोड़ा है।

बहादुरगढ़ शहर पुलिस थाने के एसएचओ विजय कुमार ने बताया कि पीड़ित राजबीर हिसार जिले के एक गांव का रहने वाला था। कुछ किसानों ने उनका शव फंदे से लटकते हुए देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने बताया कि राजबीर द्वारा कथित तौर पर छोड़े गये सुसाइड नोट में उल्लेख किया गया है कि उसके द्वारा उठाये गये इस कदम के लिए तीन कृषि कानून जिम्मेदार हैं। उन्होंने (राजबीर) इसमें यह भी कहा है कि केन्द्र को इन कानूनों को निरस्त करके उसकी आखिरी इच्छा को पूरा करना चाहिए।

केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का समर्थन करने वाले हरियाणा में जींद के रहने वाले एक किसान ने पिछले महीने टीकरी बॉर्डर विरोध स्थल से मात्र दो किलोमीटर दूर एक पेड़ से फंदा लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

इससे पहले हरियाणा के एक और किसान ने टीकरी बॉर्डर पर कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खा लिया था। उसकी बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। गत दिसम्बर में पंजाब के एक वकील ने टीकरी बॉर्डर पर विरोध स्थल से कुछ किलोमीटर दूर जहरीला पदार्थ खाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

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