संघर्ष काम आया, मुरादाबाद में खुलेगा विश्वविद्यालय
मुरादाबाद,अमृत विचार। लंबे समय से सरकारी विश्वविद्यालय की मांग करने वालों को राज्य सरकार ने सौगात दे दी। प्रदेश के बजट में हर मंडल में राज्य विश्व विद्यालय खोलने का ऐलान हुआ है। मुरादाबाद में इस मांग को लेकर सदर विधायक, विधान परिषद सदस्य और जनप्रतिनियों ने सदन में आाज बुलंद की थी। अब छात्र-छात्राओं …
मुरादाबाद,अमृत विचार। लंबे समय से सरकारी विश्वविद्यालय की मांग करने वालों को राज्य सरकार ने सौगात दे दी। प्रदेश के बजट में हर मंडल में राज्य विश्व विद्यालय खोलने का ऐलान हुआ है। मुरादाबाद में इस मांग को लेकर सदर विधायक, विधान परिषद सदस्य और जनप्रतिनियों ने सदन में आाज बुलंद की थी। अब छात्र-छात्राओं को जल्द ही विश्वविद्यालय की सौगात मिल जाएगी। राज्य सरकार की ओर से सोमवार को पेश हुए बजट में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूण ऐलान हुआ है।
प्रत्येक जिलों में माडल राजकीय महाविद्यालयों के लिए दो सौ करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुरादाबाद में विश्वविद्यालय बन जाने के बाद जहां हजारों छात्र-छात्राओं की दिक्कत दूर होगी तो वहीं इसके लिए कई वर्षों से आवाज उठाने वाले आंदोलनकारियों की जीत होगी।
विवि बनने के बाद प्रोफेसनल कोर्स के लिए मेरठ, दिल्ली, मुबंई को अब छात्र-छात्रओं को नहीं भटकना पड़ेगा। अपने ही जिले में उन्हें सरकारी फीस पर उनकी मनचाही पढ़ाई करने का अवसर उन्हें अगले वर्ष तक मिल जाएगा। जी हां, भले ही 45 वर्षों से विवि की मांग महानगर के शिक्षाविदों व नेताओं के द्वारा शासन तक की जा रही थी और वह सिर्फ आश्वासन तक ही सीमित होकर रह गई, मगर सोमवार को राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए बजट से एक बार फिर विश्वविद्यालय के मुद्दे को चिंगारी लगी तो जिले के लोगों में विवि को लेकर उम्मीद बंधी है।
हैरत की बात यह है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी मुरादाबाद मंडल मुख्यालय सरकारी विश्वविद्यालय न होने का अभिशाप झेल रहा है। बिजनौर तक के विद्यार्थी बरेली जाकर विवि के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक अशासकीय महाविद्यालय एमजेपी रूहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली से संबद्ध हैं। इनमें करीब ढाई लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। भले ही जिले में तीन विवि हों, पर फीस मंहगी होने की वजह से मध्यम वर्ग के बच्चे या तो अपना क्षेत्र को बदल देते हैं या वे उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए परिवार और जिले को छोड़कर दिल्ली जैसे दूर शहरों में जाने का मजबूर हैं।
45 वर्ष से विश्वविद्यालय निर्माण की मांग जारी
मुरादाबाद मंडल गठन के 45 वर्षों से यहां विश्वविद्यालय निर्माण की मांग जारी है। शिक्षाविदों के साथ ही राजनीतिक पार्टी और छात्र नेताओं की ओर से विवि के लिए आवाज समय-समय पर बुलंद की जा रही थी। ऐसे में अब प्रदेश सरकार का बजट पेश होने के बाद मंडल मुख्यालय विवि बनने को लेकर उम्मीद बंधी है।
विवि से वंचित प्रदेश का मुरादाबाद अकेला मंडल
अलीगढ़ व सहारनपुर में विश्वविद्यालय के निमार्ण की घोषणा हो जाने के बाद अब प्रदेश में मुरादाबाद मंडल की इकलौता मंडल है, जो विवि से वंचित है। जिसका लाखों छात्रों को जल्द से जल्द बनने का इंतजार है। जिसे पूरा होने में अब ज्यादा समय नहीं लगने वाला है।
विवि के लिए प्रस्तावित है 20 एकड़ भूमि
राजकीय पालिटेक्निक में 20 एकड़ भूमि विश्वविद्यालय के लिए प्रस्तावित है। जिसका ब्योरा तैयार कर जिलाधिकारी द्वारा पिछले वर्ष अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा को भेजा जा चुका है। शासन की ओर से भी इसे सुनिश्चित कर लिया गया है।
इन जिलों के लिए छात्रों को जाना पड़ता है शहर के बाहर
जिले में विवि बन जाने के बाद लाखों छात्रों को राहत मिलेगी। कई ऐसे कोर्स हैं जैसे बायोटेक्नोलाजी, माइक्रो बायोलाजी, बीटेक, एमबीए, बीसीए, फैशन डिजाइनिंग, डिजास्टर मैनेजमेंट और धातु अध्ययन जिनके लिए छात्रों को शहर से बाहर जाना पड़ रहा है। विवि की घोषणा होने के बाद कम फीस में छात्रों को अपने पंसदीदा विषय की पढ़ाई करने का अवसर मिल जाएगा और उनके अभिभावकों की भी चिंता दूर होगी।
मंडल जिले महाविद्यालय छात्र संख्या छात्रा संख्या कुल संख्या
मुरादाबाद पांच 334 92621 140014 232635
नगर विधायक रितेश गुप्ता
विश्वविद्यालय के लिए हम लंबे समय से प्रयासरत थे। इसके लिए कई बार पत्राचार भी किया गया। आखिरकार प्रदेश सरकार ने बजट में विवि बनने के घोषण कर ही दी। जो बेहद सराहनीय है। विवि बनने के बाद छात्रों को राहत मिलेगी।
एमएलसी डा. जयपाल सिंह व्यस्त
45 वर्षों से विश्वविद्यालय के लिए जारी आंदोलन की जीत हुई है। खुशी है कि अब देर ही सही मगर मंडल मुख्यालय में विवि बनने का रास्ता साफ हो गया है।
