आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी, अमरोहा में हुए इस जुर्म को सुनकर कांप जाएगी रूह

आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी, अमरोहा में हुए इस जुर्म को सुनकर कांप जाएगी रूह

अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज …

अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बाबनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है। आजादी के बाद भारत में पहली बार ऐसा होने जा रहा है जब किसी महिला कैदी को फांसी पर लटकाया जाएगा।

फांसी की तारिख तय नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि मेरठ के पवन जल्लाद अंजाम देने वाले हैं। पवन दो बार फांसीघर का दौरा भी कर चुके हैं। उन्हे तख्ते के लीवर में जो कमी दिखी उसे जेल प्रशासन ने ठीक करवा दिया है। फांसी देने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि कोई अड़चन ना आए। शबनम ने अप्रैल 2008 में प्रेमी के साथ मिलकर अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी।

अमरोहा की जिला अदालत ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसको हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने बरकरार रखा है। वहीं अब देश के राष्ट्रपति ने भी शबनम और सलीम की दया याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले से गांव के लोगों में खुशी का माहौल है। शबनम की चाची का कहना है की उसे बीच चौराहे पर फांसी होनी चाहिए जिससे सबक मिले। वहीं शबनम के चाचा सत्तार अली का कहना है कि जैसी करनी वैसी भरनी और जब उसने सात लोगों मौत के घाट उतार दिया तो उसे भी जिन्दा नहीं होना चाहिए।

प्रेम प्रसंग बाधा बन रहे थे शबनम के परिजन
शबनम का गांव में आरा मशीन चलाने वाले अब्दुल रऊफ के पुत्र सलीम के साथ प्रेम प्रसंग था। दोनों एक दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें खा चुके थे, लेकिन उन दोनों का यह रिश्ता शबनम के परिवार को मंजूर नहीं था, क्योंकि सलीम का परिवार हैसियत के मुताबिक शौकत के परिवार के सामने कमतर था। इस बात से शबनम और उसका प्रेमी खासे परेशान थे। एक दिन उन दोनों ने एक खौफनाक साजिश को अंजाम देने का इरादा कर लिया। उस रात रोज की तरह शौकत का पूरा परिवार खाना खाने के बाद सोने चला गया। शबनम भी घरवालों को खाना खिलाने के बाद सोने चली गई, लेकिन उसी रात उस घर पर मौत का कहर बरपा। जब सुबह लोग जागे तो शौकत के घर का मंजर खौफनाक था। हर तरफ लाशें बिखरी हुई थीं। घर के हर एक शख्स मर चुका था। सिवाय एक के और वो थी शौकत की 24 वर्षीय बेटी शबनम। शबनम ने पुलिस को बताया कि घर में बदमाशों ने धावा बोलकर सबको मार डाला। उसने बताया कि हमलावर लुटेरे छत के रास्ते आए थे। घटना के चार दिन बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने भी घटना स्थल का दौरा किया था।

 

ताजा समाचार

UP News: मामी के प्यार में भांजा बना कातिल, मामा को उतारा मौत के घाट, ऐसे हुआ खुलासा
सपा ने डॉ. अंबेडकर का किया अपमान: फर्रुखाबाद में भाजपाइयों ने किया विरोध प्रदर्शन, समाजावादी पार्टी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए
विशाखापत्तनम : सिंहाचलम मंदिर में दीवार गिरने से सात लोगों की मौत, कई घायल
UP News: 18 मण्डलों में स्थापित होगी फूड एंड ड्रग टेस्टिंग लैब, मिलेगा रोजगार, जानें कौन से पदों पर होगी नियुक्ति
Janta Darshan: जनता दरबार में सीएम योगी का अधिकारियों को सख्त निर्देश, कहा- समस्या का कराए पूर्ण समाधान 
बदायूं: ICSE बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित, 10वीं में अनुग्राम मेसी और 12वीं में अन्वेषण ने किया टॉप