बरेली: क्यूआर कोड स्कैन किए बिना किसानों को नहीं मिलेगी खाद

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अमृत विचार, बरेली। प्रधानमंत्री की डिजिटाइलेशन की मुहिम को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की तरफ से खाद विक्रेताओं को क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) लगवाने के लिए निर्देश जारी किए हैं, ताकि किसान दुकानदार के खाते में सीधे रुपये ट्रांसफर कर सकें। अब तक 325 खाद विक्रेताओं ने क्यूआर कोड लगवा लिया है। …

अमृत विचार, बरेली। प्रधानमंत्री की डिजिटाइलेशन की मुहिम को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की तरफ से खाद विक्रेताओं को क्यूआर कोड (क्विक रिस्पांस कोड) लगवाने के लिए निर्देश जारी किए हैं, ताकि किसान दुकानदार के खाते में सीधे रुपये ट्रांसफर कर सकें। अब तक 325 खाद विक्रेताओं ने क्यूआर कोड लगवा लिया है।

इस व्यवस्था से दुकानदारों के साथ किसानों को काफी हद तक राहत मिलेगी। खरीफ सीजन में अफसर सख्ती के दावे के बावजूद यूरिया की कालाबाजारी होती रही। शासन स्तर पर मामला पकड़ा तो किसानों के साथ सहकारी समितियों के सचिवों पर कार्रवाई की गई।

रबी सीजन में इसे रोकने के लिए कृषि विभाग डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रहा है। जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि जिले में सहकारी समितियों को मिलाकर करीब 800 खाद की दुकानें हैं। खाद बिक्री में डिजिटल भुगतान की व्यवस्था लागू करने के लिए सभी को निर्देशित किया गया है।

किसान खाद लेने के बाद क्यूआर कोड के माध्यम से सीधे दुकानदार के बैंक खाते में रुपये ट्रांसफर करेंगे। उन्होंने बताया जिले में करीब 325 दुकानदारों ने क्यूआर कोड लगवा लिया है। दुकानदार गूगल पे, भीम एप, पेटीएम के प्रतिनिधि या बैंक से संपर्क कर क्यूआर कोड बनवा लें, ताकि भविष्य में किसी भी ऑनलाइन एप से किसानों को डिजिटल भुगतान की सुविधा दी जा सके।

इसके अलावा दुकानदार पीओएस मशीन से ही निर्धारित मूल्य एवं जोत बही के आधार पर खाद की बिक्री करें। यदि कोई विक्रेता ऐसा नहीं करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। क्यूआर कोड जनरेट कराने वाले दुकादारों की सूची प्रतिदिन अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने को कहा गया है, ताकि विभाग के पास भी इसकी सटीक जानकारी उपलब्ध रहे।

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