बरेली: सात साल से बंद पड़े घंटाघर की सुइयां बताएंगी समय
अमृत विचार, बरेली। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चार प्रोजेक्ट को जल्द पंख लगने वाला है। प्राचीन घंटा को बेहतर बनाया जाएगा। इसके साथ ही मोती पार्क और पार्किंग क्षेत्र का विकास किया जाएगा। नगर निगम गेट के पास अन्य महानगरों की तर्ज पर गेट का विकास कराया जाएगा। बरेली का प्राचीन घंटाघर शहर के …
अमृत विचार, बरेली। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चार प्रोजेक्ट को जल्द पंख लगने वाला है। प्राचीन घंटा को बेहतर बनाया जाएगा। इसके साथ ही मोती पार्क और पार्किंग क्षेत्र का विकास किया जाएगा। नगर निगम गेट के पास अन्य महानगरों की तर्ज पर गेट का विकास कराया जाएगा।
बरेली का प्राचीन घंटाघर शहर के चुनिंदा ऐतिहासिक इमारतों में से एक है जो बरेली की पहचान को दर्शाता है। अब समय के साथ-साथ लोगों की यादों से दूर होता जा रहा है। नई पीढ़ी को तो शहर के इस घंटाघर के इतिहास के बारे में कुछ भी पता नहीं है कि किस तरह इस घंटाघर का निर्माण हुआ।
बदहाली का आलम इस तरह है कि सात साल से बंद पड़े इस घंटाघर में लगी घड़ी की सुइयां तक हिली नहीं हैं। अब स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट के तहत 2 लाख रुपये खर्च कर बनाया जाएगा। इसके साथ ही मोती पार्क और पार्किंग क्षेत्र का विकास किया जाएगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने घंटा का नया डिजाइन भी तैयार कर लिया है।
वहीं, अक्षर विहार में नाली और तालाब के कायाकल्प का डिजाइन तैयार कर निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके लिए 8 लाख रुपये खर्च किए जाने हैं। डिजिटल लाइब्रेरी के लिए स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ लक्ष्मण दयाल सिंघल नगर निगम वाचनालय और पुस्तकालय को विकसित करने के लिए 1.50 और नगर निगम के बाहर गेट के पास के क्षेत्र को विकसित करने के लिए 8 लाख रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इन चारों प्रोजेक्ट की निविदा प्रक्रिया भी स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पूरा कर लिया है। इसके लिए 6 माह का समय निर्धारित किया गया है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत घंटाघर को बेहतर बनाया जाएगा। सात साल से बंद पड़े घंटा घर की रौनक एक बार फिर से लौटेगी। इसके अलावा अन्य तीन प्रोजेक्ट का जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा। -संजय सिंह चौहान, जीएम स्मार्ट सिटी लिमिटेड
