बरेली: एम. टेक के दोहरे प्रोग्राम के साथ कर सकेंगे पीएचडी
अमृत विचार, बरेली। नई शिक्षा नीति के तहत रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रमों में बदलाव शुरू कर दिया है। अब विश्वविद्यालय में छात्र एमटेक की पढ़ाई के साथ-साथ दोहरे कार्यक्रम के तहत एमटेक पीएचडी भी कर सकेंगे। शुक्रवार को अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय की संकाय परिषद (फैकल्टी बोर्ड) की बैठक में इसका प्रस्ताव पास हो गया। …
अमृत विचार, बरेली। नई शिक्षा नीति के तहत रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने पाठ्यक्रमों में बदलाव शुरू कर दिया है। अब विश्वविद्यालय में छात्र एमटेक की पढ़ाई के साथ-साथ दोहरे कार्यक्रम के तहत एमटेक पीएचडी भी कर सकेंगे। शुक्रवार को अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय की संकाय परिषद (फैकल्टी बोर्ड) की बैठक में इसका प्रस्ताव पास हो गया।
बैठक में इंजीनिययिरंग के सात डिप्लोमा पाठ्यक्रमों समेत 20 नए पाठ्यक्रम पास हुए हैं। जल्द ही इस प्रस्ताव को विद्या परिषद और कार्य परिषद में रखकर अनुमोदित कराया जाएगा। संकाय परिषद की बैठक ट्रेनिंग प्लेसमेंट बिल्डिंग में हुई। बैठक में विभिन्न्न अभियांत्रिकी विभागों में सात डिप्लोमा पाठ्यक्रम, 6 एमटेक और 6 एमटेक पीएचडी डुअल प्रोग्राम प्रारंभ करने की संस्तुति की गई।
उक्त पाठ्यक्रम नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत मल्टी एग्जिट प्रणाली को दृष्टिगत रखते हुए चलाने की संस्तुति की गई। संकाय अध्यक्ष प्रो. एसके पांडेय ने बताया कि नए सात डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में डिप्लोमा इन कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक एंड इंस्ट्रूमेंटेशन, इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्युनिकेशंस, एनवायरोनमेंटल मैनेजमेंट और दो मैकेनिकल इंजीनियरिंग के हैं।
इसी तरह से एमटेक इलेक्ट्रिकल, कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रानिक एंड कम्युनिकेशंस, पॉलिमर साइंस और दो मेकिनिकल इंजीनियरिंग के हैं। एमटेक के दोहरे प्रोग्राम के साथ इन्हीं पाठ्यक्रमों में पीएचडी की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि बीटेक में सिविल इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम का भी प्रस्ताव पास हुआ है।
सभी प्रस्ताव विद्या परिषद और कार्य परिषद के अनुमोदन के बाद शासन स्तर पर अनुमोदन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। अनुमोदन प्राप्त होने पर एआईसीटीई को सूचित किया जाएगा और एआईसीटीई की मान्यता के लिए प्रस्ताव भेजे जाएंगे। सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
पाठ्यक्रम शुरू होने पर इंजीनियरिंग विभागों में शोध एवं परास्नातक की शिक्षा के नए आयाम खुलेंगे। संकाय अध्यक्ष प्रो. एसके पांडे की अध्यक्षता में संपन्न हुई बैठक में प्रो. एके गुप्ता, प्रो. विनय रिसीवाल, प्रो. रविंद्र सिंह, प्रो. आशा चौबे, प्रो. एसके तोमर, प्रो. सोमना सिंह, प्रो. कमल किशोर माहेश्वरी, प्रो. सलीम खान, प्रो. सुधीर कुमार, डॉ. ओपी उपाध्याय, प्रो. मनीष राय, प्रो. एसएस बेदी, डॉ. मनोज कुमार सिंह, डॉ. यतींद्र कुमार सहित अन्य वरिष्ठ आचार्य विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहे।
अभी तक सिर्फ एमसीए और एम. फार्मा की पढ़ाई
बता दें कि विश्वविद्यालय में अभी तक बीटेक की ही पढ़ाई हो रही थी। इस विभाग से सिर्फ एमसीए इन कम्प्यूटर साइंस और एम. फार्मा की ही पढ़ाई हो रही है। एम. टेक पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए वर्ष 2010 में प्रस्ताव बनाया गया था लेकिन संसाधनों की कमी और शिक्षकों की तैनाती न होने की वजह से प्रस्ताव पास नहीं हो सके थे। अब एम. टेक के छह नए पाठ्यक्रम शुरू होने से विश्वविद्यालय से बीटेक करने वाले छात्रों को दूसरे संस्थानों का रुख नहीं करना पड़ेगा।
