नापाक साजिश
पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत में अशांति और आतंक फैलाने के इरादे से नित नई साजिशें रचता रहता है। शनिवार को पाकिस्तान की एक और नापाक साजिश का खुलासा हुआ। जम्मू-कश्मीर के हीरानगर के पानसर में एक सुरंग का पता लगा है। बीएसएफ ने पिछले वर्ष जून में इसी इलाके में हथियारों और गोला-बारूद ले जा …
पड़ोसी देश पाकिस्तान भारत में अशांति और आतंक फैलाने के इरादे से नित नई साजिशें रचता रहता है। शनिवार को पाकिस्तान की एक और नापाक साजिश का खुलासा हुआ। जम्मू-कश्मीर के हीरानगर के पानसर में एक सुरंग का पता लगा है। बीएसएफ ने पिछले वर्ष जून में इसी इलाके में हथियारों और गोला-बारूद ले जा रहे एक पाकिस्तानी हेलीकॉप्टर को मार गिराया था। सैनिकों ने नवंबर 2019 में इसी क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश को भी नाकाम कर दिया था। बीएसएफ ने 10 दिनों में ये दूसरी सुरंग का पता लगाया है।
जम्मू में अब तक 10वीं और बीते छह महीने में ये चौथी सुरंग का पता चला है। सुरंगें खोदने के लिए पाकिस्तान पेशेवर इंजीनियरों की मदद ले रहा है। इसी वजह से सैकड़ों मीटर लंबी सुरंगों को खोदने पर भी इनकी भनक नहीं लग पाती। बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह बहुत बड़ी बात है, क्योंकि सुरंग कम से कम छह से आठ साल पुरानी लगती है, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लंबे समय से घुसपैठ के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा था।
इससे पहले हीरा नगर सेक्टर के सीमांत गांव बेबिया में मिली सुरंग में बरामद बोरियों में शकरगढ़ और कराची की सीमेंट फैक्टरियों के टैग लगे थे तथा उनमें रेत भरी हुई थी। गत वर्ष 29 अगस्त और 20 नवंबर को साम्बा में दो सुरंगों का पता चला था और वहां भी ऐसी ही बोरियां मिली थीं। इतने लंबे समय तक इसका पता न लग पाने से स्पष्ट है कि कहीं न कहीं गड़बड़ जरूर है। हमें अपनी कमजोरियों पर भी ध्यान देना जरूरी है।
सुरंगों का देर से पता लगने के कारण न जाने कितना विस्फोटक, नशीले पदार्थों तथा नकली करेंसी भारत में तस्करी करवाई जा चुकी होती होगी? सीमांत क्षेत्रों में लगातार गश्त करने वाले हमारे सुरक्षा बलों को शत्रु की ऐसी गतिविधियों व मशीनों के चलने से होने वाली हलचल, उनकी आवाज और मिट्टी निकाले जाने की गतिविधियों का समय रहते पता चलना चाहिए, ऐसी कड़ी िनगरानी होनी चाहिए। इन हालात में जरूरी हो जाता है कि अपनी सतर्कता संबंधी कमियों की ओर देखें।
सीमा पर गश्त भी बढ़ाएं, साथ ही पाकिस्तान के साथ लगती 3300 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक योजनाबद्ध तरीके से विशेष सर्च अभियान चलाया जाना चाहिए। निगरानी बढ़ाने के आधुनिक तकनीक को विस्तार दिया जाना चाहिए। हालांकि काम्प्रिहेंसिव इंट्रीग्रेटिड इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जा रहा है, परंतु अभी उसका क्षेत्र सीमित है। इसका तेजी से विस्तार किया जाना चाहिए।
