बरेली: अपग्रेड होगा वर्षों से बंद पड़ा मीडिया सेंटर, रिकार्ड होंगे लेक्चर

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अमृत विचार, बरेली। विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये की कीमत से संचालित मीडिया सेंटर कई साल से बंद पड़ा है। सोमवार को मीडिया सेंटर खोला गया और दिल्ली से आयी दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। निरीक्षण करने वाली टीम ने सेंटर को नए उपकरणों से अपग्रेड करने के लिए कहा। मीडिया सेंटर का इस्तेमाल लेक्चर …

अमृत विचार, बरेली। विश्वविद्यालय में करोड़ों रुपये की कीमत से संचालित मीडिया सेंटर कई साल से बंद पड़ा है। सोमवार को मीडिया सेंटर खोला गया और दिल्ली से आयी दो सदस्यीय टीम ने निरीक्षण किया। निरीक्षण करने वाली टीम ने सेंटर को नए उपकरणों से अपग्रेड करने के लिए कहा।

मीडिया सेंटर का इस्तेमाल लेक्चर रिकार्ड करने के काम में आएगा। रिकार्डेड लेक्चर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अपलोड किए जाएंगे ताकि कोरोना की वजह से कक्षा में न आने वाले छात्र भी पढ़ाई कर सकें। रुहेलखंड विश्वविद्यालय में शिक्षा विभाग में 1997-98 में मीडिया सेंटर की स्थापना हुई थी। उस वक्त यहां करीब साढ़े 8 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

उस दौर के मुताबिक महंगे कैमरे व अन्य उपकरण थे लेकिन कई साल से मीडिया सेंटर को बंद कर दिया गया था। इसकी वजह से जो उपकरण थे वे या तो खराब हो गए या पुराने हो गए। अब कुलपति प्रो. केपी सिंह ने मीडिया सेंटर दोबारा चालू करने की तैयारी की है। इसके लिए कई बड़े ऑनलाइन शिक्षा एप और कई विश्वविद्यालयों में मीडिया सेंटर व ऑनलाइन क्लास की स्थापना करने वाली कंपनी से संपर्क किया गया।

सोमवार को कंपनी के प्रतिनिधि सचिन कोहली और करण खुराना विश्वविद्यालय पहुंचे। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और मीडिया सेंटर के कर्मचारियों सहित मीडिया सेंटर का निरीक्षण किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह की मंशा है कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों द्वारा किए जा रहे शिक्षण कार्य को ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर छात्रों के लिए प्रस्तुत किया जा सके।

पिछले कई महीनों से कोविड के कारण कक्षाएं सुचारू रूप से नहीं चल सकी थीं। इसके कारण छात्रों को असुविधा हुई। शिक्षण सामग्री विश्वविद्यालय की वेबसाइट अथवा अन्य माध्यमों से छात्रों तक सीधा पहुंच सके। इससे कक्षा में आने वाले छात्र भी कक्षा में हो रहे लेक्चर को ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से पढ़ सकेंगे।

टीम ने मीडिया सेंटर के निरीक्षण के दौरान पाया कि ज्यादातर उपकरण पुराने हो चुके हैं। इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता है। टीम ने कहा कि मौजूदा समय में कम दाम में नवीन तकनीक के उपकरण उपलब्ध हैं। इन्हें खरीदकर सेंटर को अपग्रेड किया जा सकता है। विश्वविद्यालय के सभी विभागों में स्मार्ट क्लास हैं।

यहां तक कि रोबोट कैमरे भी लगे हैं लेकिन इनका इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा है। किसी स्मार्ट क्लास का कैमरा खराब है, किसी में लाइटिंग की प्रॉब्लम है तो कहीं केबिल की दिक्कत है। निरीक्षण के दौरान प्रोफेसर संजय मिश्रा, प्रोफेसर नलिनी श्रीवास्तव, डॉ. गौरव राव, प्रोफेसर यशपाल सिंह सहित विभाग के शिक्षक, मीडिया सेंटर के कर्मचारी कैमरामैन अनिल सिंह, टेक्नीशियन हेमंत लाल शाह एवं तपन कुमार वर्मा उपस्थित रहे।

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