लियोन की गेंद पर शॉट खेलने का पछतावा नहीं, खेलता रहूंगा स्ट्रोक्स: रोहित

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ब्रिसबेन। रोहित शर्मा गलत समय पर आउट होने के कारण हो रही अपनी आलोचना को अच्छी तरह समझते है। लेकिन भारतीय उप कप्तान को नाथन लियोन की गेंद पर उस शॉट को खेलने का ‘कोई पछतावा’ नहीं है और उन्होंने कहा कि यह गेंदबाजों को दबाव में लाने का उनका तरीका है। रोहित 74 गेंद …

ब्रिसबेन। रोहित शर्मा गलत समय पर आउट होने के कारण हो रही अपनी आलोचना को अच्छी तरह समझते है। लेकिन भारतीय उप कप्तान को नाथन लियोन की गेंद पर उस शॉट को खेलने का ‘कोई पछतावा’ नहीं है और उन्होंने कहा कि यह गेंदबाजों को दबाव में लाने का उनका तरीका है।

रोहित 74 गेंद में 44 रन की पारी के दौरान अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन लियोन की गेंद को मिडविकेट पर उठाने की कोशिश में आउट हो गये और यह उसी तरह का शॉट है जो टेस्ट मैचों में शुरू में भी उनके आउट होने का कारण बनता था। रोहित ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ”आपके पास हमेशा एक योजना होती है और वास्तव में मुझे उस शॉट को खेलने का कोई पछतावा नहीं है।

मैं हमेशा गेंदबाजों पर दबाव बनाना चाहता हूं। नाथन लियोन चतुर गेंदबाज है और उसने मुझे ऐसी गेंदबाजी की जिसमें मेरे लिये गेंद को कुछ ऊपर उठाना मुश्किल हो गया।” कमेंटरी बॉक्स में उनके शॉट चयन की आलोचना की गयी। रोहित अच्छी शुरूआत कर बड़ा स्कोर बना सकते थे जिससे भारत का स्कोर स्टंप तक दो विकेट पर 62 रन हो गया।

रोहित निराशा को समझते हैं लेकिन उन्होंने बताया कि उन्होंने इस तरह का स्ट्रोक क्यों खेला। उन्होंने कहा, ”ऐसा नहीं है कि यह (वो शॉट) कहीं से भी आ गया। यह ऐसा शॉट है जो मैं पहले भी अच्छा खेलता रहा हूं। मैं इस शॉट को खेलना चाहता हूं और इस टीम में इसी तरह की भूमिका निभाता हूं।

जब ऐसा होता है तो यह खराब दिखता है लेकिन मैं ज्यादा नहीं सोचता क्योंकि मेरा ध्यान इस ओर होता है कि जब मैं क्रीज पर पहुंच जाऊं तो उपयोगी साबित हूं।” इस सीनियर खिलाड़ी ने इस शॉट को खेलने के अपने इरादे के बारे में कहा, ”ऐसा कहने का मतलब है कि मैं एक प्रक्रिया का पालन करना चाहता हूं। कभी कभार आप आउट हो जाते हो और कभी कभार यह रस्सी के ऊपर से चला जाता है। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मेरा आउट होना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद रहा।

रोहित ने अपनी सभी तीन पारियों में 27 और 52 (सिडनी में) से और यहां 44 रन बनाकर शुरूआत की। उन्होंने सिडनी में और यहां ब्रिसबेन में आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों को बखूबी निपटने के लिये तकनीकी सांमजस्य बिठाने के बारे बात करते हुए कहा, ”सिडनी में ज्यादा उछाल नहीं था इसलिये मैं लेग स्टंप की ओर रह रहा था और यहां मैं जानता था कि दो दांहिने हाथ के गेंदबाज (पैट कमिंस और जोश हेजलवुड) किस लाइन एवं लेंथ में गेंदबाजी करेंगे, वे हमेशा आपको ऑफ स्टंप के बाहर करने की कोशिश करते रहते हैं। इसलिये यहां मैं थोड़ा ऑफ स्टंप की ओर था। ”

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