बरेली: कृषि क्षेत्र में महिला किसानों को आत्मनिर्भर बना रहा गन्ना विभाग
अमृत विचार, बरेली। मिशन शक्ति अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में गन्ना विकास विभाग ने भी कमर कस ली है। गन्ने की पैदावार में अब महिलाओं की भूमिका अहम हो गई है। इस क्षेत्र की 25 महिला समूह से जुड़ी …
अमृत विचार, बरेली। मिशन शक्ति अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में गन्ना विकास विभाग ने भी कमर कस ली है। गन्ने की पैदावार में अब महिलाओं की भूमिका अहम हो गई है। इस क्षेत्र की 25 महिला समूह से जुड़ी 260 महिलाएं गन्ने की चार लाख से अधिक सीडलिंग की बिक्री कर सवा तीन लाख से अधिक की आय कर चुकी हैं।
जिला गन्ना अधिकारी पीएन सिंह ने बताया महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने को मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण महिला उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्वयं समूहों का गठन कर 260 महिला किसानों को शोधित गन्ना बीज तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
इन महिला किसानों को सिंगल बड एवं चिप विधि से गन्ने की पौध तैयार करने को प्रशिक्षण दिया गया था। महिला किसानों की मेहनत रंग लाई और 410464 सीडलिंग तैयार कर किसानों को बिक्री की गई, इससे इन महिला किसानों को 6,15,696 रुपये की आय अर्जित होगी। ये धनराशि अगले वर्ष लगभग डेढ़ गुनी और उसके अगले वर्ष ढाई गुनी होने का अनुमान है। अभी तक 332851 रुपये की आय हो चुकी है।
वहीं, इस अभियान के ग्रामीण क्षेत्रों की अधिक से अधिक महिला किसानों को जोड़ने के लिए प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भुसरेड्डी ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वाबलंबन के लिए ‘मिशन शक्ति’ अभियान से संबंधित कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। गन्ना अधिकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
मिशन अभियान के अंतर्गत गन्ना विकास परिषदों में ग्रामीण महिलाओं को गन्ने की खेती में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने को कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। क्योंकि ग्रामीण महिलाओं में उद्यमिता की भावना विकसित हो रही है और इससे ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।
पिछले साल सर्वाधिक पेराई का रिकार्ड दर्ज
ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग सिस्टम) से जहां गन्ना किसान खुश हैं। वहीं, जिले की सात गन्ना समितियों पर पर्ची निर्गमन का कार्य ईआरपी के माध्यम से किया जा रहा है। इसके तहत गन्ना आपूर्ति के लिए गन्ना समितियों को एक साफ्टवेयर पर जोड़कर गन्ना सर्वे, सट्टा निर्धारण, कलेंडरिंग एवं पर्ची निर्गमन का कार्य एकीकृत रूप से मुख्यालय के पर्यवेक्षक में संचालित किया जाता है।
गन्ना अधिकारी के मुताबिक इस सत्र में अब तक का सार्वाधिक गन्ने एक करोड़ चार लाख क्विंटल पेराई का रिकार्ड बना है। जबकि चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2019-20 में चार करोड़ 13 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई जो कि अब तक की सर्वाधिक पेराई का रिकार्ड है।
