ससुराल में बन जाएंगी सबकी खास, इन उपायों को अपनाकर होगा घर जैसा एहसास
नई दिल्ली। ससुराल किसी भी शादीशुदा युवती के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार हर बेटी को एक न एक दिन अपने घर से विदा लेकर अपने पिया के घर यानि कि ससुराल जाना होता है। यूं तो ससुराल पर भी बहू का उतना ही हक होता है जितना कि …
नई दिल्ली। ससुराल किसी भी शादीशुदा युवती के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार हर बेटी को एक न एक दिन अपने घर से विदा लेकर अपने पिया के घर यानि कि ससुराल जाना होता है। यूं तो ससुराल पर भी बहू का उतना ही हक होता है जितना कि उसका अपने मायके पर होता है लेकिन नये माहौल में ससुराल वालों संग तारतम्य बिठाने में कई बार नई दुल्हन को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
यह बात मुनासिब भी है कि जीवन के करीब 25-30 साल अपने घर में बिताने के बाद अचानक से एक नए घर और नए माहौल में चले जाने पर थोड़ी-बहुत परेशानियों का सामना तो करना पड़ता ही है। हालांकि आजकल के आधुनिक दौर में कई युवतियां अपने जीवनसाथी का स्वयं चुनाव कर अपने ससुराल वालों से पहले से ही परिचित हो जाती हैं। जिस कारण उन्हें थोड़ी सहूलियत जरूर होती है लेकिन फिर भी नए घर में अपनी जगह बनाने के लिए कभी-कभी उन्हें भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

शादी के रंगीन सपने संजोए अपने पिया के घर जाने वाली हर दुल्हन का सपना होता है कि उसे अपने ससुराल में भी अपने घर जैसा ही लाड-दुलार, सम्मान और आजादी मिले। लेकिन कई बार यह पूरी तरह से संभव नहीं हो पाता, जिस वजह से ससुराल में नई दुल्हन को समझ नहीं आता कि आखिर वह ऐसा क्या करें जिससे उसके ससुराल में उसकी राह आसान हो जाए। अगर आप भी शादी करने जा रही हैं या फिर शादी कर ससुराल जा चुकीं हैं तो हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप अपने ससुराल में मायके जैसा एहसास कर सकती हैं।
जानिए ससुराल में किस तरह बनें सभी की खास
ससुराल में सबसे पहला काम आपको यह करना है कि कभी भी अपने मायके और ससुराल की आपस में तुलना ना करें। आपको ध्यान रखना चाहिए कि हर घर के अपने-अपने रीति-रिवाज और खान-पान का तरीका होता है। सबकी अपनी लिविंग स्टाइल और स्टैंडर्ड होता है। ऐसे में अपने मायके और ससुराल की कभी तुलना न करें। धीरे-धीरे अपने ससुराल के तौर-तरीके सीखने की कोशिश करें और उन्हें अपने मुताबिक ढालकर माहौल को खुशनुमा बनाए रखें।

शादी के अवसर जब ससुराल पक्ष के दूर या नजदीक के रिश्तेदार शामिल होते हैं, तो गपशप भी खूब होती है। ऐसे में कुछ शातिर किस्म के रिश्तेदार आपके सास-ससुर, देवर, ननद या पति के खिलाफ कोई आलोचनात्मक बात कह कर आपको उकसा देते हैं और आपके द्वारा साफ मन से कही गई बात में भी नमक मिर्च लगाकर फैला देते हैं। बाद में यह कह दिया जाता है कि यह बहू तो अपने सास-ससुर की बहुत बुराई कर रही है। ऐसे में इस तरह की बातों में न पड़ें और दूसरों के सामने अपने सास-ससुर, देवर, जेठ या ननद की कमियां न निकालें।
किसी भी घर की बेटियां चाहे कुंवारी हो या शादी-शुदा सबकी बहुत लाडली होती हैं। ऐसे में आप भी अपनी ननद को मान सम्मान दें, उसके साथ दोस्ताना व्यवहार करते हुए उसे अपना बनाकर रखें तो घर में अनायास ही आप भी सबकी चहेती बन जाएंगी। कभी मूवी या पार्क में घूमने जाएं तो अपनी ननद को साथ लेना न भूलें। अगर वह बिजी है या नहीं जाना चाहती तो लौटते वक्त छोटा-मोटा गिफ्ट या उसका पसंदीदा फूड आइटम जरूर लाएं।

सास-ससुर को डॉक्टर के पास ले जाना हो, उनकी मेडिकल प्रिसक्रिप्शन पढ़कर दवाएं देनी हों, एटीएम से पैसा निकलवाना हो, ऑनलाइन बैंकिंग के मार्फत उनका कोई ट्रांजैक्शन करवाना हो तो आप उनकी आगे बढ़कर मदद करें। ऐसे ही कई अन्य छोटे-छोटे कामों में भी मदद करके आप आसानी से उनकी फेवरेट बन सकती हैं। सास की शॉपिंग में मदद करना भी एक उपयोगी मदद साबित हो सकती है।
