बरेली: व्यापारियों के पक्ष में उतरे मेयर, कुतुबखाना ओवरब्रिज का निर्माण हुआ तो धरने पर बैठेंगे मेयर

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अमृत विचार, बरेली। व्यापारी सेवा संघ के पदाधिकारियों ने प्रस्तावित कुतुबखाना ओवरब्रिज के विरोध में गुरुवार को महापौर डा. उमेश गौतम को ज्ञापन दिया। व्यापारियों ने जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के सुझाव भी दिया है। मामले में मेयर ने मंडलायुक्त को भेजे गए पत्र में बताया है कि प्रस्तावित ओवरब्रिज जब तक व्यापारियों …

अमृत विचार, बरेली। व्यापारी सेवा संघ के पदाधिकारियों ने प्रस्तावित कुतुबखाना ओवरब्रिज के विरोध में गुरुवार को महापौर डा. उमेश गौतम को ज्ञापन दिया। व्यापारियों ने जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के सुझाव भी दिया है। मामले में मेयर ने मंडलायुक्त को भेजे गए पत्र में बताया है कि प्रस्तावित ओवरब्रिज जब तक व्यापारियों से सामंजस्य नहीं बन जाता है तब कार्य को रोक दिया जाए।

इधर, मेयर के कैंप कार्यालय पर हुई बैठक में अतिक्रमण हटाने को लेकर व्यापारियों में नोकझोंक हो गई। इससे कुछ समय के लिए हंगामा होने लगा। मेयर को व्यापारी सेवा संघ, राष्ट्र जागरण उद्योग व्यापार मंडल, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल, प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल, कुतुबखाना व्यापारी एसोसिएशन, होलसेल कपड़ा कमेटी आदि संगठनों ने कुतुबखाना ओवरब्रिज के निर्माण को रोकने के लिए ज्ञापन दिया है।

गुरुवार को ज्ञापन देने पहुंचे समाजसेवी नदीम शमसी ने मेयर को बताया कि विपक्षी पार्टी के नेता भाजपा की छवि खराब करना चाहते हैं। पुल बनने से व्यापारियों की रोजी-रोटी खतरे में आ जाएगी। इस पर महापौर ने व्यापारियों से कहा कि अपनी दुकानों के आगे का अतिक्रमण खुद हटाएं।

ओवरब्रिज नहीं बनेगा और अगर कोई भी अधिकारी ओवरब्रिज बनाने की बात कहेगा तो मैं स्वयं धरने पर बैठूंगा। जल्द वाहन पार्किंग बनाई जाएंगी। इस दौरान संजय, आनंद, दीपक अग्रवाल, प्रिंस सोढी, विजय गुप्ता, अमित, लोकेश कालड़ा, लकी, सरपाल, आमिर सहित अन्य व्यापारी मौजूद रहे।

व्यापारियों के सुझाव
– कोतवाली, कुतुबखाना, कोहड़ापीर के पास मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाए।
– इस रोड पर चार पहिया, ई रिक्शा प्रतिबंधित किया जाए, केवल एम्बुलेंस को छूट दी जाए।
– रास्ते से सख्ती के साथ अतिक्रमण हटाया जाए, डिवाइडर सजाया जाए।
– इज्जतनगर से श्यामगंज तक की रेलवे लाइन को सड़क के रूप में विकसित किया जाए।
– जरूरी हो तो घंटा घर से कोहाड़ापीर तक अंडरपास बनाया जाए जिससे पुल की अपेक्षा खर्च भी कम पड़ेगा।
– श्यामगंज, हार्टमैन, किला पुल के रास्ते चार पहिया वाहनों का आवागमन हो सकता है।

ये रखीं समस्याएं
– व्यापरियों के अनुसार, शहर के 80 प्रतिशत लोग कुतुबखाना सामानों की खरीदारी करने के लिए आते हैं। जो पैदल और दोपहिया से आते-जाते हैं। पुल बनने से इन्हें दिक्कत होगी।
– 5 हजार व्यापारियों को 350 करोड़ रुपये का नुकसान होगा
– यहां गली आर्य समाज, पंजाबी मार्केट, कुतुबखाना, अस्पताल, गली नवाबान, कटरा मानराय, कोहाड़ापीर, हकीम कन्हैया लाल, शिवाजी मार्ग पर जाने वाले लोगों को पुल के नीचे से ही जाना होगा।
– पुल निर्माण में करीब तीन साल लगेंगे जिससे व्यापारियों को बड़ा नुकसान होगा। इसकी भरपाई नहीं हो सकेगी।
– इस पुल की कोई सार्थकता नहीं क्योंकि लोगों को पुल के नीचे आए बिना अधिकांश काम नहीं होगा।

अतिक्रमण हटाने के नाम पर बैठक में एक-दूसरे से भिड़े
मेयर ने व्यापारियों के साथ गुरुवार को कुतुबखाना ओवरब्रिज को लेकर बैठक की। इस दौरान कुछ व्यापारी आपस में भिड़ गए। इसमें व्यापारियों ने कुतुबखाना ओवरब्रिज का विरोध किया और मेयर से हर हाल में निर्माण न होने देने की बात कही। इस दौरान व्यापारियों से कहा गया कि अपना अतिक्रमण हटा लें नहीं तो जुर्माना लगेगा। इस बात को लेकर व्यापारियों में मतभेद हो गया। एक-दूसरे बहस करने लगे और कहा कि वे जुर्माने के खिलाफ हैं। कुछ समय के लिए माहौल गर्म हो गया लेकिन मेयर के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया। अचानक बैठक में शोरगुल होने से व्यापरियों में कुछ ही देर मे नोकझोंक होने लगी। एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। ओवरब्रिज निर्माण के पीछे अतिक्रमण की वजह बताई गई तो व्यापारियों ने अतिक्रमण हटाने पर चर्चा शुरू की।

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