ये ज़मीं के सितारे इस साल कह गए दुनिया को अलविदा
साल 2020 खत्म होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं। इस साल को शायद ही लोग भुला पाएंगे क्योंकि कोरोना माहामारी की वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बॉलीवुड के लिए भी यह साल काफी खराब रहा। इस साल बॉलीवुड की कई जानी मानी हस्तियां हमारे बीच नहीं रहीं। इनमें से …
साल 2020 खत्म होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं। इस साल को शायद ही लोग भुला पाएंगे क्योंकि कोरोना माहामारी की वजह से लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बॉलीवुड के लिए भी यह साल काफी खराब रहा। इस साल बॉलीवुड की कई जानी मानी हस्तियां हमारे बीच नहीं रहीं। इनमें से कई हस्तियों का कोरोना संक्रमण के कारण निधन हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि वो कौन से सितारे हैं जो इस साल दुनिया को अलविदा कह गए।
सुशांत सिंह राजपूत
इस साल फिल्म इंडस्ट्री से दुनिया छोड़कर जाने वालों में सुशांत सिंह राजपूत का नाम सबसे चर्चित रहा। 14 जून 2020 को सुशांत अपने घर में पंखे पर फांसी के फंदे से लटके पाए गए। 34 की उम्र में उनकी असमय मृत्यु ने पूरे देश में आत्महत्या या मर्डर की बहस छेड़ दी। फिलहाल सीबीआई मामले की जांच कर रही है। हालांकि एम्स ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को आत्महत्या बताया है। सुशांत सिंह राजपूत को एकता कपूर ने 2010 में सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से बतौर कलाकार प्रसिद्धि मिली। 2013 में फ़िल्म ‘काई पो छे’ से उन्होंने अपना फ़िल्मी सफर शुरू किया। लेकिन नीरज पांडेय की बायोपिक फ़िल्म ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ ने उन्हें फ़िल्म इंडस्ट्री में स्टार का दर्जा दिया।अपने सात साल के फ़िल्मी करियर में सुशांत सिंह ने छिछोरे, सोनचिरैया, केदारनाथ, डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी, पीके जैसी फिल्मों में काम किया। उनकी मौत के बाद उनकी फ़िल्म ‘दिल बेचारा’ रिलीज़ हुई थी।

इरफ़ान खान
कोरोना महामारी के दौरान देश में हुए लॉकडाउन के दौरान 28 अप्रैल 2020 को कोलन इन्फेक्शन के कारण इरफ़ान खान अस्पताल में भर्ती हुए और दूसरे दिन 29 अप्रैल को 53 की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। महज़ चार दिन पहले उनकी मां सईद बेगम का जयपुर में निधन हुआ था। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित इरफ़ान खान ने साल 1988 में ‘सलाम बॉम्बे’ से अपना फ़िल्मी करियर शुरू करने वाले इरफ़ान खान ने हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री और हॉलीवुड में एक अलग मुकाम हासिल किया। साल 2018 में इरफान खान ने ट्वीटर के ज़रिए बताया कि वो न्यूरोएंडोक्रिन ट्यूमर से जूझ रहे हैं। वो इलाज़ के लिए एक साल लंदन भी गए। वापस आकर उन्होंने फ़िल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ में काम भी किया। इरफ़ान खान ने जिनमें काम किया उनमें ‘लाइफ ऑफ़ पाई’, ‘नेमसेक’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘मक़बूल’, ‘द लंचबॉक्स’, ‘स्लम डॉग मिलियनेयर’, ‘इन्फर्नो’, ‘हासिल’, ‘पीकू’, ‘हिंदी मीडिम’, ‘तलवार’ उनकी कुछ यादगार फ़िल्में शामिल हैं।

ऋषि कपूर
फिल्म अभिनेता इरफान खान के निधन से अभी उभरे भी नहीं थे कि दूसरे ही दिन 30 अप्रैल को मशहूर अभिनेता ऋषि कपूर का कैंसर के कारण निधन हो गया। साल 2018 में उन्हें ल्युकेमिया डिटेक्ट हुआ था और वो न्यूयॉर्क सिटी में इलाज के लिए गए थे। एक साल के सफल इलाज के बाद वापस आए ऋषि कपूर ने 29 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। दूसरे दिन उन्होंने 67 की उम्र में आखिरी सांस ली। राज कपूर के दूसरे बेटे ऋषि कपूर ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत बाल कलाकार के तौर पर की थी। बतौर हीरो वो 1973 में फिल्म बॉबी से लॉन्च हुए जिसने उन्हें रोमांटिक हीरो का दर्जा दिया। 2012 में बनी फिल्म अग्निपथ में वो पहली बार नकारात्मक भूमिका में नज़र आए थे।

जगदीप
फ़िल्म ‘शोले’ के मशहूर ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार निभाने वाले प्रसिद्ध कलाकार जगदीप ने 81 उम्र में 8 जुलाई 2020 को दुनिया को अलविदा कह दिया। करीब 70 साल फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रहे जगदीप ने कई यादगार किरदार निभाए, लेकिन फिल्म शोले का ‘सूरमा भोपाली’ किरदार के लिए उन्हें सालों तक याद किया गया। उन्होंने तकरीबन 400 फिल्मों में काम किया जिसमें ‘मुन्ना’, ‘आर-पार’, ‘दो बीघा जमीन’, ‘ब्रम्हचारी’, ‘भाभी’, ‘दो भाई’, ‘खिलौना’, ‘रोटी’, ‘अपना देश’, ‘तूफ़ान’, ‘क़ुर्बानी’, ‘फूल और कांटे’, ‘जमाई राजा’ और ‘अंदाज’ शामिल हैं।

आसिफ बसरा
लगभग दो दशक से फिल्म इंडस्ट्री में रहे आसिफ बसरा 12 नवंबर को हिमाचल में अपने घर में फांसी पर लटके मिले। इसे आत्महत्या बताया जा रहा है। आसिफ बसरा ने अपनी अदाकारी से लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उन्होंने कई चर्चित फिल्मों और टीवी सिरीज़ में काम किया, जिनमें ब्लैक फ्राइडे, परज़ानिया, ओउटसोर्सड, जब वी मेट, पाताल लोक, होस्टेज शामिल हैं।

फराज खान
90 के दशक के अभिनेता फराज खान का 4 नवंबर 2020 को 50 साल की उम्र में देहांत हो गया। अक्टूबर 2020 के महीने में मस्तिष्क संक्रमण से जूझ रहे फ़राज़ खान को सीने में तकलीफ़ के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया। उनके इलाज के लिए बड़े भाई फ़हमान ख़ान ने लोगों से वित्तीय मदद के लिए लोगों से गुहार लगाई थी। सलमान ख़ान और पूजा भट्ट से लेकर तमाम कलाकार ने उनकी मदद भी की थी। फराज खान हिट फ़िल्म ‘मैंने प्यार किया’ से फिल्मी दुनिया में कदम रखने वाले थे लेकिन शूटिंग से पहले वो बीमार पड़ गए और उनकी जगह सलमान खान ने ले ली। इसके बाद विक्रम भट्ट की फ़िल्म ‘फरेब’ से उन्होंने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत की। वो ‘अमर अक़बर एंन्थोनी’ फ़िल्म में जेबीको का किरदार निभाने वाले अभिनेता युसूफ ख़ान के छोटे बेटे थे। फ़राज़ खान ने रानी मुख़र्जी के साथ ‘मेहंदी’ फ़िल्म में भी काम किया। लगातार सात फ़िल्में फ्लॉप होने के कारण उन्होंने अपना रुख टीवी की ओर किया और कुछ धारावाहिकों में काम किया। इनमें ‘लिपस्टिक’, ‘अचानक 37 साल बाद’ और ‘श….कोई है’ शामिल हैं। उनका आख़री काम रहा धारावाहिक ‘नीली आंखें’ जिसके बाद उन्होंने अभिनय को अलविदा कह दिया।

कुमकुम
50 और 60 के दशक की अभिनेत्री कुमकुम जिन्हें लिजेंडरी निर्देशक गुरु दत्त ने खोज निकला था उनका 28 जुलाई 2020 को मुंबई में निधन हो गया। उनकी मौत की जानकारी अभिनेता जगदीप के छोटे बेटे नावेद ने सोशल मीडिया के जरिए दी। कुमकुम की मशहूर फिल्में प्यासा, बारिश, आर-पार, मिर्ज़ा ग़ालिब, उजाला, कोहिनूर, मिस्टर एक्स इन बॉम्बे, मदर इंडिया, नया दौर और सीआईडी रही थीं।

सरोज ख़ान
भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला कोरियोग्राफर सरोज खान का 3 जुलाई 2020 को दिल के दौरा पड़ने से 71 साल की उम्र में निधन हो गया। सरोज खान ने महज 3 साल की उम्र से बतौर बाल कलाकार फिल्म इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया था। 68 साल के करियर में सरोज खान ने कई बड़े नामचीन अभिनेता और अभिनेत्रियों को कोरियोग्राफ किया जिसमें माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, ऐश्वर्या राय बच्चन, करीना कपूर, सलमान खान और शाहरुख खान भी शामिल हैं। फिल्म इंडस्ट्री में उन्हें मास्टरजी कह कर सम्बोधित किया जाता था। अपने काम के लिए उन्हें तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।

वाजिद खान
तबला वादक शराफ़त अली ख़ान के छोटे बेटे संगीतकार वाजिद ख़ान का 1 जून 2020 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 47 वर्षीय वाजिद खान ने बड़े भाई साजिद खान के साथ मिलकर फिल्म इंडस्ट्री में बतौर संगीतकार 1998 में सलमान खान की फिल्म ‘प्यार किया तो डरना क्या’ से कदम रखा था। संगीतकार साजिद-वाजिद के नाम से मशहूर इस जोड़ी ने कई सपरहिट गाने दिए जिसमें सोनू निगम का म्यूज़िक एल्बम ‘दीवाना’ और फ़िल्में ‘मुझसे शादी करोगी’, ‘तेरे नाम’, ‘दबंग’, ‘रॉउडी राठौड़’, ‘एक था टाइगर’, ‘हीरोपंती’ शामिल है।

एसपी बालासुब्रमण्यम
पद्मभूषण से सम्मानित गायक एसपी बालासुब्रमण्यम का 74 साल की उम्र में निधन हो गया। 25 सितम्बर 2020 को उन्होंने अंतिम सांस ली। संगीत जगत के सबसे मशहूर गायकों की सूची में शामिल बालासुब्रमण्यम ने 40,000 से भी अधिक गाने गाए हैं। उन्होंने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और हिंदी भाषा में गाने गाए। बालासुब्रमण्यम को 6 बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। उनके हिंदी हिट गानों में फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के गाने और फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ के गानों के अलावा साजन फिल्म का ‘देखा है पहली बार…’ और ‘बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम…’ शामिल हैं।

पंडित जसराज
गायक पंडित जसराज का अमेरिका में 17 अगस्त 2020 को निधन हो गया। संगीत के मेवात घराने से ताल्लुक रखने वाले और पद्म विभूषण से सम्मानित जसराज की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई। वो 90 साल के थे। वो साल के 6 महीने अमेरिका में और 6 महीने भारत में गुजारा करते थे। जब उनकी मौत हुई उस वक्त भारत में लॉकडाउन होने की वजह से उन्हें अमेरिका में ही रहना पड़ा था जहां उनकी संगीत अकादमी है।उनके निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को मुंबई लाया गया जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

राहत इन्दौरी
कोरोना संक्रमित हुए मशहूर उर्दू कवि और बॉलीवुड गीतकार राहत इन्दौरी का 11 अगस्त 2020 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो 70 साल के थे। राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को हुआ था। बीते लगभग 50 सालों से वे मुशायरा और कवि सम्मेलनों में अपनी शायरी पढ़ रहे थे। वो एक गंभीर शायर थे। उनकी कविता ‘बुलाती है मगर जाने का नहीं’ तमाम सोशल प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई थी। उन्होंने सर, खुद्दार, मर्डर, याराना, हमेशा, मुन्ना भाई एमबीबीएस, मीनाक्षी, करीब, मिशन कश्मीर जैसी फिल्मों के लिए गाने लिखे थे।

इब्राहिम अल्काजी
पद्म विभूषण से सम्मानित इब्राहिम अल्काजी का 4 अगस्त 2020 को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो 94 वर्ष के थे। इब्राहिम अल्काजी थिएटर की उन शख़्सियतों में से एक हैं जिनके योगदान से भारतीय थिएटर एक नया मुकाम हासिल कर सका। 15 साल तक वो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के निर्देशक रहे। उस दौरान उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के कई दिग्गज कलाकारों को प्रशिक्षित किया। इनमें नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, विजय मेहता, रोहिणी हट्टंगड़ी, सुहास जोशी, ज्योति सुभाष, ओम शिवपुरी और बी जयश्री शामिल हैं।

बासु चटर्जी
फिल्म निर्देशक बासु चटर्जी ने 4 जून 2020 को 93 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले बासु चटर्जी ने 70 और 80 के दशक में माध्यम वर्गीय परिवार को केंद्र में रखते हुए कई खूबसूरत कहानियां दर्शकों के सामने पेश कीं। इनमें ‘रजनीगंधा’, ‘पिया का घर’, ‘चितचोर’, ‘छोटी-सी बात’, ‘स्वामी’, ‘खट्टा-मीठा’, ‘बातों-बातों में’, ‘चमेली की शादी’, ‘मनपसंद’, ‘अपने-पराये’ जैसी फिल्में शामिल हैं।

सौमित्र चटर्जी
बंगाली फिल्म के जानेमाने अभिनेता, लेखक, निर्देशक सौमित्र चटर्जी का 15 नवंबर 2020 को निधन हो गया। 85 साल के सौमित्र चटर्जी कोरोना संक्रमित थे। पद्मभूषण से सम्मानित सौमित्र चैटर्जी ने निर्देशक सत्यजीत राय के साथ 14 फिल्मों में काम किया। 60 साल के उनके फिल्मी सफर ने बांग्ला सिनेमा को एक अलग स्तर पर ला दिया। हिंदी भाषा में उन्होंने दो फिल्में बनाईं जिसमें ‘निरुपमा’ और ‘हिंदुस्तानी सिपाही’ शामिल हैं। बांग्ला में उनकी मशहूर फिल्में अपूर संसार, जॉय बाबा फेलूनाथ, घरे बाइरे, चारूलता, अभिज्ञान, बेला शेषे, सोनार केल्ला, समान्तराल, अशनि संकेत रहीं।

