बरेली: कुतुबखाना ओवरब्रिज बना नहीं, व्यापारियों का विरोध तेज हो गया

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अमृत विचार, बरेली। कुतुबखाना चौराहे पर करीब सौ करोड़ रुपये की लागत से 1600 मीटर लंबे ओवरब्रिज निर्माण के लिए जिस तेजी से सेतु निगम लगा है उसी तेजी से ओवरब्रिज के विरोध में व्यापारी उतर रहे हैं। ओवरब्रिज का व्यापारियों ने खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि श्यामगंज पुल बनने …

अमृत विचार, बरेली। कुतुबखाना चौराहे पर करीब सौ करोड़ रुपये की लागत से 1600 मीटर लंबे ओवरब्रिज निर्माण के लिए जिस तेजी से सेतु निगम लगा है उसी तेजी से ओवरब्रिज के विरोध में व्यापारी उतर रहे हैं। ओवरब्रिज का व्यापारियों ने खुलकर विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि श्यामगंज पुल बनने से आज भी व्यापारी बेहाल हैं। पुल के नीचे की सड़कें जर्जर होने की वजह से तमाम असुविधाएं झेलनी पड़ रही हैं।

ऐसे में अब कुतुबखाना में ओवरब्रिज बनने से शहर के मुख्य बाजार की पहचान तो खत्म होगी। साथ ही व्यापार लंबे समय के लिए चौपट हो जाएगा। जाम से निजात दिलाने के लिए यहां ओवरब्रिज के बजाय अंडरपास बनाया जाए तो ज्यादा बेहतर रहेगा। सड़क चौड़ी कराने के साथ अवैध कब्जे हटाकर पार्किंग बनाकर भी ट्रैफिक की समस्या दूर की जा सकती है।

कोतवाली रोड के दुकानदारों को भी ओवरब्रिज कुबूल नहीं हैं। उनके मुताबिक कुतुबखाना से कोतवाली जाने वाली सड़क की चौड़ाई काफी कम है। नैनीताल रोड की तरफ भी सड़कों के दोनों ओर दुकानें हैं। ऐसे में अगर सड़क पर पिलर बनेंगे तो ओवरब्रिज के नीचे पूरी सड़क बंद हो जाएगी। इससे कुतुबखाना के साथ बड़ा बाजार और उससे संबद्ध अन्य दूसरे महत्वपूर्ण बाजारों में भी कारोबार चौपट हो जाएगा।

80 फीसदी घट जाएगा कारोबार
कुतुबखाना चौराहे से कोहाड़ापीर और कुतुबखाना से कोतवाली रोड के कुमार टाकीज तक करीब दो हजार दुकानें हैं। कुतुबखाना से कोहाड़ापीर रोड पर सर्वाधिक दुकानें हार्डवेयर, सेनेट्री, कृषि यंत्र आदि से जुड़ी हैं। वहीं, कोतवाली रोड पर कपड़े, जूते-चप्पल की दुकानें हैं। प्रतिमाह यहां करीब 170 करोड़ रुपये का कारोबार होता है।

कारोबारियों का कहना है कि फ्लाईओवर बनने से कुतुबखाना ही नहीं इसके आसपास के सभी रास्ते बंद हो जाएंगे। सड़कों की चौड़ाई कम होने की वजह से दोपहिया वाहन तक नहीं निकल पाएंगे। इतना ही नहीं धूल के गुबार उड़ने की वजह से कई कारोबारियों को तो दुकानें बंद रखना मजूबरी बन जाएगी। वहीं, सड़क जर्जर होने की वजह से तमाम लोग अन्य जगह से खरीदारी करने को मजबूर होंगे। बीस फीसदी कारोबार भी मुश्किल से होगा।

कुतुबखाना रोड के व्यापारी बोले
फ्लाईओवर बनने से शहर के प्रमुख बाजार में करीब दो साल के लिए कारोबार चौपट हो जाएगा। जाम की दिक्कत बढ़ने से व्यापार पर भी असर पड़ेगा। यातायात व्यवस्था दुरुस्त हो तो फ्लाईओवर की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। – जाकिर

कारोबारियों को राहत देने के लिए जिला प्रशासन कुतुबखाना में फ्लाईओवर बनाने के बजाय यहां बड़े वाहनों के प्रवेश पर रोक, पार्किंग की व्यवस्था करके और अवैध कब्जे हटाकर जाम की समस्या का हल निकाल सकता है। – शानू

कुतुबखाना में फ्लाईओवर बनाने के लिए सड़क कम चौड़ी है। श्यामंगज की तरह यहां भी फ्लाइओवर बनने से जाम की दिक्कत बढ़ेगी तो ग्राहक स्वत: आना बंद कर देगा। इसलिए बेहतर होगा कि यहां अंडरपास बनाया जाए। -मुख्तार अहमद

कुतुबखाना पर फ्लाईओवर बनाने का मतलब यहां के सैकड़ों व्यापारियों को बर्बाद करना है। अगर फ्लाईओवर का निर्माण शुरू होता है तो कम से कम ढाई साल में यह पूरा बना पाएगा। इससे ढाई साल तक के लिए व्यापार चौपट हो जाएगा। – भोला

श्यामगंज के व्यापारी बोले-
श्यामगंज में फ्लाईओवर बनने से व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिली है। पहले जितनी धूल उड़ती थी अब उससे ज्यादा उड़ रही है। हम यहां दिनभर धूल खाकर व्यापार कर रहे हैं। रात में गर्म पानी के गरारे न करें तो सांस, खांसी के मरीज हो जाएं। – एचएस कन्नौजिया

फ्लाईओवर से कोई खास लाभ नहीं दिखाई दिया। पहले भी जाम लगता था। अब जाम की स्थिति और विकराल हो गई है। पुल के नीचे की सड़कें जर्जर होने की वजह से धूल पहले से अधिक है। ऐसे में हम व्यापारियों को कोई लाभ अब तक नहीं मिला।– गुलशन सब्बरवाल, अध्यक्ष, बरेली किराना कमेटी

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