जलालाबाद: 20 हजार दो प्रधानमंत्री आवास लो, नहीं तो कर देंगे अपात्र
जलालाबाद,अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वतखोरी कोई नई बात नहीं है। यह शिकायत किसी एक गांव, ब्लाक या जिले की नहीं बल्कि पूरे देश की है। अब तक इस तरह के मामलों की सैंकड़ों शिकायतें तो हुईं मगर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की जा रही है। ताजा मामला मिर्जापुर ब्लाक के गांव …
जलालाबाद,अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास योजना में रिश्वतखोरी कोई नई बात नहीं है। यह शिकायत किसी एक गांव, ब्लाक या जिले की नहीं बल्कि पूरे देश की है। अब तक इस तरह के मामलों की सैंकड़ों शिकायतें तो हुईं मगर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती की जा रही है।
ताजा मामला मिर्जापुर ब्लाक के गांव सरैया ताल्लुके बानगांव का है बान गांव निवासी महेंद्र की पत्नी सुनीता और राम किशन की पत्नी राधारानी के नाम का चयन अन्य लोगों के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्र आवेदक के रूप में चयनित हुआ था। इसके बाद तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी ओमेंद्र ने दोनों लाभार्थियों के घर का निरीक्षण कर उन्हें पात्रता की श्रेणी में रखते हुए सत्यापन कर दिया था। उसके बाद अब तक गांव में कोई भी आवास स्वीकृत नहीं हुआ मगर पात्र लोगों की लिस्ट में दोनों का नाम क्रमशः तीसरे व छठे नंबर पर है। इसी बीच कुछ आवास गांव के लिए आवंटित किए गए।
दोनों लाभार्थियों ने आरोप लगाया कि उनके गांव के प्रधान ने उनसे 20 हजार रुपये प्रति आवास की डिमांड सुविधा शुल्क के नाम पर की थी और बताया कि यदि पैसा न दिया तो उन्हें अपात्र कर अन्य लोगों को आवास आवंटित कर दिया जाएगा, जिसकी शिकायत पीड़ितों द्वारा लिखित रूप से जिलाधिकारी कार्यालय में की गई है। मामले में ग्राम विकास अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि किसी से भी पैसे की कोई डिमांड नहीं की गई है। सुनीता अपात्र है इसलिए उनको आवास आवंटन की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। गांव में सिर्फ दो आवास स्वीकृत हुए थे जिनका आवंटन हो चुका है। राधारानी को अगले राउंड में आवास दिलाया जाएगा।
