बरेली: महाविद्यालयों में भी तैयार करनी होंगी स्मार्ट कक्षाएं

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बरेली, अमृत विचार। कोरोना की वजह से पढ़ाई के स्तर में काफी बदलाव आया है। ऑफलाइन शिक्षा संचालित न होने की वजह से ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया गया। एक बार फिर ऑफलाइन कक्षाएं संचालित हो चुकी हैं लेकिन भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा पर ही ज्यादा जोर रहेगा। इसके तहत विश्वविद्यालय के साथ-साथ महाविद्यालयों में …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना की वजह से पढ़ाई के स्तर में काफी बदलाव आया है। ऑफलाइन शिक्षा संचालित न होने की वजह से ऑनलाइन शिक्षा पर जोर दिया गया। एक बार फिर ऑफलाइन कक्षाएं संचालित हो चुकी हैं लेकिन भविष्य में ऑनलाइन शिक्षा पर ही ज्यादा जोर रहेगा। इसके तहत विश्वविद्यालय के साथ-साथ महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस संचालित की जाएंगी। दूर-दराज से आने वाले छात्रों के लिए ई-लर्निंग पार्क विकसित किए जाएंगे। इसके तहत वाई-फाई व इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी।

सभी विश्वविद्यालयों को वर्ष 2021-22 में प्रौद्योगिकी शिक्षा तंत्र तैयार करना होगा। शासन ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मोनिका गर्ग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को इसे लेकर आदेश जारी किए हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशालय से भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षा के तहत कई प्रयास भी शुरू किए हैं।

कोविड 19 के प्रथम दो चरणों में प्रदेश में 15 हजार शिक्षकों ने नौ लाख छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई से लाभ पहुंचाया। कई छात्रों के पास हमेशा इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके चलते डिजिटल लाइब्रेरी के तहत ई-कंटेंट अपलोड किया गया। मौजूदा समय में ई-लाइब्रेरी में 134 विषयों में 70 हजार से अधिक टेक्स्ट, आडियो और वीडियो में ई-कंटेंट उपलब्ध हैं।

ये ई-कंटेट रुहेलखंड विश्वविद्यालय समेत 23 विश्वविद्यालयों और अनेक महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया है। इस लाइब्रेरी से दूसरे राज्यों के छात्र भी लाभ ले सकते हैं। शासन ने निर्देश दिए हैं कि डिजिटल लाइब्रेरी के तहत अधिक से अधिक कंटेंट उपलब्ध कराए जाएं। विश्वविद्यालयों को अपने अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के शिक्षकों को ऑनलाइन क्लास लेने व ई-कंटेंट तैयार करने का प्रशिक्षण देना होगा। विषयों के सीखने के लिए ऑफलाइन व ऑनलाइन मॉडल तैयार कर महाविद्यालयों को उपलब्ध कराया जाए।

स्थापित करना होगा प्रौद्योगिकी शिक्षा मंच
विश्वविद्यालयों को आगामी सत्र के लिए प्रौद्योगिकी शिक्षा मंच की स्थापना करनी होगी। इसके तहत ऑनलाइन शिक्षा की गुणवत्ता के लिए भी एक तंत्र तैयार करना होगा। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के तहत सभी शिक्षण संस्थानों में डिजिटल डिवाइस, इंटरनेट की उपलब्धता, विद्युत आपूर्ति, स्मार्ट क्लास की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। ऑनलाइन प्लेटफार्म को प्रोत्साहित किया जाए।

स्वयं व दीक्षा जैसे ई-लर्निंग प्लेटफार्म का उपयोग करने के साथ ही वर्चुअल लैब स्थापित की जाएं। मोबाइल एप व सॉफ्टवेयर विकसित किए जाएं। विश्वविद्यालय और सभी महाविद्यालयों का डिजिटलाइजेशन किया जाए। प्रदेश स्तर पर अकादमिक डाटा बैंक भी तैयार किया जाएगा। इसके अलावा दूर-दराज के राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में प्री लोडेड डिजिटल डिवाइस या डिजिटल टैबलेट भी उपलब्ध कराये जाएंगे।

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