अयोध्या: चार दिवसीय रामायण मेले का आगाज, रामलीला का मंचन शुरू
अयोध्या, अमृत विचार। राम नगरी अयोध्या के रामकथा पार्क में शुक्रवार को चार दिवसीय रामायण मेले का आगाज हो गया। प्रतिवर्ष राम विवाह उत्सव के दौरान यह रामायण मेला आयोजित किया जाता है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और मुख्य अतिथि शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलन का रामायण मेले …
अयोध्या, अमृत विचार। राम नगरी अयोध्या के रामकथा पार्क में शुक्रवार को चार दिवसीय रामायण मेले का आगाज हो गया। प्रतिवर्ष राम विवाह उत्सव के दौरान यह रामायण मेला आयोजित किया जाता है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और मुख्य अतिथि शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने दीप प्रज्वलन का रामायण मेले का शुभारंभ किया।
मेले में प्रतिदिन सुबह से शाम तक रामलीला, राम कथा और संगोष्ठी तथा शाम को संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। चार दिवसीय रामायण मेले के शुभारंभ के बाद अपने संबोधन में जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम को मर्यादा के लिए जाना जाता है। पुत्र के रूप में, पिता के रूप में, वनवासी के रूप में और राजा के रूप में उन्होंने समाज के सामने एक आदर्श उपस्थित किया। राम का जीवन और चरित्र संस्कारों की एक आदर्श पाठशाला है।
आज भी देश दुनिया के हर कोने में उनके जीवन चरित्र का बखान करने के लिए विभिन्न भाषाओं और शैलियों में रामलीला का मंचन होता है। उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि का विवाद अब खत्म हो चुका है। राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और असंख्य राम भक्तों की इच्छा पूरी हो रही है। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए रामायण मेला समिति के अध्यक्ष मणिराम दास छावनी के महंत कमल नयन दास शास्त्री ने कहा कि हिंदुओं और राष्ट्र के लिए राम का चरित्र आवश्यक है। इसके अनुकरण से ही हम समाज और राष्ट्र को सवाल बना सकते हैं। संस्कार और मर्यादा के लिए हर घर में रामायण होनी चाहिए तथा सभी को इसका वाचन और श्रवण करना चाहिए।
रामायण मेले की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र को संगठित करने के लिए रामायण मेले का आयोजन जरूरी है। वर्तमान वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुके नोबेल कोरोनावायरस के संक्रमण को लेकर घोषित महामारी के बीच आयोजित हो रहे रामायण मेले में महामारी को रोकने के लिए ज्यादा लोगों को नहीं बुलाया जा रहा है। कोविड-19 दिशा निर्देशों के बीच इस बार रामायण मेला आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर राम नगरी के संत धर्माचार्य, पुलिस व प्रशासन के अधिकारी तथा अन्य लोग मौजूद रहे।
एक वर्ष में बन जाए राम मंदिर, विराजमान हो जाए रामलला
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि अयोध्या विवाद के समाधान के बाद हर कोई चाहता है कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण हो। हमारी इच्छा है कि जन्म भूमि पर 1 साल के भीतर राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए और उसमें रामलला को विराजमान कर दिया जाए। फर्स्ट सदस्य ने कहा कि राम का मंदिर भव्य और मजबूत बनना चाहिए। यह मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था और आकांक्षा से जुड़ा है।
जन्म भूमि पर बनने वाला राम मंदिर 1000 साल तक सुरक्षित रहे इसको लेकर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और राम मंदिर निर्माण समिति की ओर से वास्तु कारों और इंजीनियरों तथा विशेषज्ञों की टीम लगाई गई है। पूरे परिसर में अर्थात 70 एकड़ क्षेत्र में स्थित जीर्णशीर्ण मंदिरों को फिर से पुनः स्थापित किया जाएगा। इसके लिए और अधिक जमीन की आवश्यकता पड़ सकती है।
जिसके लिए भविष्य में आसपास के लोगों से जमीन हासिल करने का प्रयास किया जाएगा।शंकराचार्य जगतगुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने एक सवाल पर कहा कि भारत तथा नेपाल का संस्कार और संस्कृति एक है। अंग्रेजो ने नेपाल को भारत से अलग किया, लेकिन दोनों के संस्कृति और संस्कार आपस में जुड़े हुए हैं।
