हल्द्वानी: 397 साल बाद बृहस्पति और शनि होंगे सबसे नजदीक
मुकुल चौहान, हल्द्वानी। अंतरिक्ष में होने वाली खगोलीय घटनाएं इंसान को हमेशा आकर्षित करती हैं। खासकर साल 2020 के अंत तक ऐसी खगोलीय घटनाएं हो रही हैं, जिसके हम लगातार गवाह बनते जा रहे हैं। 21 दिसंबर 2020 को यानी 397 साल बाद एक बार फिर बृहस्पति और शनि एक दूसरे के बेहद नजदीक होंगे। …
मुकुल चौहान, हल्द्वानी। अंतरिक्ष में होने वाली खगोलीय घटनाएं इंसान को हमेशा आकर्षित करती हैं। खासकर साल 2020 के अंत तक ऐसी खगोलीय घटनाएं हो रही हैं, जिसके हम लगातार गवाह बनते जा रहे हैं। 21 दिसंबर 2020 को यानी 397 साल बाद एक बार फिर बृहस्पति और शनि एक दूसरे के बेहद नजदीक होंगे। जिसको धरती से खुली आंखों से भी देखा जा सकेगा। ग्रहों का यह अद्भुत मिलन 16 दिसंबर से दिखने लगा है, जो हमें एक संयुक्त तारे की तरह चमकता दिखाई दे रहा है। सितंबर माह से ही दोनों ग्रह एक दूसरे के नजदीक बढ़ रहे हैं। हालांकि 21 को दोनों ग्रहों की बीच की दूरी 75 करोड़ किलोमीटर होगी।
साल 2020 में इंसान बहुत सी खगोलीय घटनाओं का प्रत्यक्ष गवाह रहा है। इस पूरे साल दर्जन भर ऐस्टेरायड धरती के पास से निकल चुके हैं। पिछले दिनों उल्का पिंडों की बेहद सुंदर बरसात के भी लोगों को दीदार हुए। अब 397 साल बाद यानी मुगल काल के बाद दूसरी बार हम बृहस्पति और शनि को दूसरी बार इतना नजदीक देखेंगे, जो हमें एक चमकीले संयुक्त तारे की तरह नजर आयेगा।
नैनीताल स्थित आर्यभट्ट उपग्रह केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया कि पिछले दो-तीन माह से आकाश में क्षितिज के कुछ अंश ऊपर दो चमकीले पिंड दिखाई दे रहे हैं। आगे-आगे बृहस्पति और उसके पीछे शनि चल रहा है। 21 दिसंबर की रात इन दोनों का अनूठा मिलन दिखाई देगा।वैज्ञानिकों ने बताया कि दोनों बड़े ग्रहों का एक दूसरे के इतना नजदीक आना ग्रेट कंजंक्शन कहलाता है। इस तरह की घटनाएं हर 20 साल बाद होती हैं।
यह ग्रेट कंजंक्शन है। इसमें ग्रह एक दूसरे के बेहद करीब आ जाते हैं। बृहस्पति, शनि और धरती के एक सीध् में रहने से भी हमें ये नजदीक दिखाई देंगे। इसे खुली आंखों यो फिर साधारण दूरबीन से भी देखा जा सकता है। -शशि भूषण पांडेय, वैज्ञानिक, एरिज नैनीताल
