कानपुर देहात में जेएसए बनाने वाली फैक्ट्री में शार्ट सर्किट से लगी आग: दमकल ने पाया काबू, SP ने चूक की जांच करने के दिए निर्देश

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर देहात, अमृत विचार। औद्योगिक क्षेत्र के रायपुर स्थित एक जेएसए बनाने वाली फैक्ट्री के प्रिंटिंग डिपार्टमेंट में मोटर से हुई शॉर्ट सर्किट के चलते आग लग गई। जिससे प्लांट में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर से मजदूरों को बाहर निकलवाया। मौके पर पहुंची दमकल ने दो फायर टेंडर से आग पर काबू पाया। वहीं घटना पर पहुंचे एसपी ने छानबीन की और सुरक्षा मानकों में हुई चूक की जांच करने के निर्देश दिए।

मंगलवार सुबह रनियां थाना क्षेत्र के रायपुर में एक ई-रिक्शा व जेएसए बनाने वाली फैक्ट्री के प्रिंटिंग डिपार्टमेंट में शार्ट सर्किट से भीषण आग लग गई। फैक्ट्री कर्मियों ने घटना की सूचना फैक्ट्री प्रबंधन, रनियां थाना व फायर ब्रिगेड को दी। घटना की सूचना पर इंस्पेक्टर रनियां व मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र सिंह दो दमकल की गाड़ी लेकर मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का कार्य शुरू किया।

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दमकल ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब एक घंटे में आग पर काबू पा लिया। जिससे फैक्ट्री में किसी तरह की जनहानि हानि हुई। हालाकि दमकल टैंकरों में पानी खत्म होने पर पास में संचालित जीपीएल फैक्ट्री से पानी भर कर लाया गया। फैक्ट्री में किसी तरह के आग बुझाने के उपकरण मौके पर नहीं मिले। जबकि फैक्ट्री करीब आठ वर्षों से संचालित है। आग लगने के बाद फैक्ट्री के बाहर मजदूर मायूस नजर आए। 

वहीं मौके पर एक एंबुलेंस के साथ रनियां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर विशाल भसीन टीम के साथ मौजूद रहे। घटना की सूचना पर मौके पर पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्रा, सीओ प्रिया सिंह, एसडीएम सदर अविनाश कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। फैक्ट्री मालिक सुरेश पूरी ने बताया कि मोटर से चिंगारी उठने से आग लगी है। करीब चार लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं एसपी ने फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों में लेकर हुई चूक की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

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बिना फायर उपकरण चल रही थी फैक्ट्री

रनियां क्षेत्र के रायपुर में जेएसए बनाने वाली फैक्ट्र करीब आठ सालों से संचालित है। जेएसए के पार्ट्स के साथ उनसे रंगाई का काम भी होता है। फायर बिग्रेड अधिकारियों के अनुसार फैक्ट्री में फायर की अस्थायी एनओसी है, लेकिन मौके पर आग बुझाने के लिए उपकरण नहीं पाए गए। ऐसे में आग उग्र रूप धारण कर लेती तो आसपास की फैक्ट्रियों तक भी पहुंच सकती थी। इसका जवाब देने से जिम्मेदार अधिकारी कतराते रहे।

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