JEE Main Result : जेईई मेंस के दूसरे चरण में भी में मुरादाबाद के आकाश रहे टॉपर

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Published By Bhawna
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मोहम्मद फाहद ने भी अपना पिछला रिकॉर्ड रखा बरकरार, जिले में दूसरे स्थान पर रहे, आदित्य देशवाल फिर तीसरे स्थान पर, 3 दर्जन से ज्यादा बच्चों के 99 प्लस परसेंटाइल

परिजनों के साथ खुशी करते जेईई मेंस के टॉपर आकाश अग्रवाल।

मुरादाबाद, अमृत विचार। जेईई मेंस के दूसरे चरण का परिणाम शुक्रवार देर रात घोषित कर दिया गया। टीडीआई सिटी निवासी और टैली एकेडमी के संचालक अभिनव अग्रवाल के बेटे आकाश अग्रवाल ने 99.978 परसेंटाइल हासिल करके दूसरे राउंड में भी जिले में पहला स्थान बरकरार रखा था। वहीं मोहम्मद फाहद ने 99.83 और आदित्य देशवाल ने 99.80 परसेंटाइल स्कोर करके दूसरे और तीसरे स्थान पर अपना जलवा कायम रखा। फाहद और आदित्य ने जेईई मेंस के पहले चक्र में भी क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया था। इसके अलावा जनपद के करीब तीन दर्जन से अधिक बच्चों ने 99 परसेंटाइल से अधिक स्कोर करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। 

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली जेईई मेन 2025 के दूसरे चरण का परिणाम शुक्रवार देर रात जारी कर दिया। इसमें जिले के कई होनहारों ने फिर से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। रामगंगा विहार के टीडीआई सिटी निवासी और टैली एकेडमी के संचालक सीए अभिनव अग्रवाल के बेटे आकाश अग्रवाल ने 99.978 परसेंटाइल पाकर जिले का नाम रोशन किया है। उनकी ऑल इंडिया रैंक 423 है। लाजपत नगर निवासी डॉ. मो. असद खान के बेटे मो. फाहद ने 99.83 परसेंटाइल हासिल किया।

आर्यभट्ट इंटरनेशनल स्कूल के छात्र मो. फाहद ने बताया कि परीक्षा की तैयारी काफी लंबे समय से तैयारी कर रहा था। मो. फाहद की बड़ी बहन सारा एमबीबीएस कर रही हैं। वे उन्हें आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित भी करती रहती हैं। दिल्ली रोड स्थित पार्श्वनाथ प्रतिभा अपार्टमेंट निवासी आदित्य देशवाल ने 99.80 परसेंटाइल स्कोर किया है। रामपुर राजकीय डिग्री कॉलेज में प्रो. नागेंद्र पाल के बेटे आदित्य आर्यंस इंटरनेशनल स्कूल में 12वीं के छात्र हैं। आदित्य ने बताया कि पढ़ाई में मां सीमा काफी सहयोग करती हैं। आदित्य ने बताया कि वे रोजाना सात से आठ घंटे पढ़ते हैं। मो. फाहद की ऑल इंडिया रैंक 2679 व आदित्य देशवाल की रैंक 3142 है।

जेईई मेंस में अच्छी रैंक लाना मेरा लक्ष्य था, उसे हासिल कर लिया। इसके लिए मेहनत तो करनी पड़ी, लेकिन मेहनत करने में मजा भी आया। मैं इंस्टीट्यूट के बाद रात 10 बजे से कभी दो कभी तीन घंटे पढ़ाई करता था। इसके बाद सुबह सात बजे से 9 बजे तक पढ़ाई करने में अच्छा लगता है। सुबह मम्मी भी पढ़ाई के लिए जल्द उठा देती थीं। सुबह पढ़ने से फ्रेश दिमाग में सब कुछ याद रह जाता है।-मोहम्मद फाहद, 99.83 परसेंटाइल (दूसरी रैंक)

मेहनत से पढ़ाई करने में आनंद आया। जेईई मेंस दूसरे चरण का परिणाम देखकर लगा कि मेहनत भी सफल हो गई। मेरे पापा डॉक्टर नागेंद्र देशवाल सुबह पढ़ाई के उठने में मदद करते थे, जिससे मुझे रात देर तक पढ़ने में कोई परेशानी नहीं आती थी। इसके बाद सुबह सात बजे से 9 बजे तक पढ़ाई करने का भी समय मिल जाता था। कोचिंग के सभी अध्यापकों ने पढ़ाई में काफी मदद की है।-आदित्य देशवाल, 99.80 परसेंटाइल (तीसरी रैंक)

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