HCL कर्मी को आतंकवादी संगठनों की फंडिंग का डर दिखाकर किया डिजिटल अरेस्ट, ठगे 23 लाख रुपए

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
On

लखनऊ, अमृत विचार: आतंकवादी संगठनों को फंडिंग का डर दिखा कर रिटायर्ड HCL कर्मी को साइबर ठगों ने करीब दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। सीबीआई अधिकारी बनकर गिरफ्तारी से बचने के लिए खाते की जांच की बात कही। फिर 23 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। आश्वासन दिया गया कि संदिग्ध ट्रांजेक्शन नहीं मिलने पर एक घंटे बाद ही रुपये खाते में वापस करने के साथ ही क्लीन चिट दे दी जाएगी। करीब एक दिन तक इंतजार करने के बाद भी रुपये खाते में वापा नहीं आया। जिसके बाद पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इंस्पेक्टर बृजेश यादव ने बताया कि ट्रांजेक्शन को फ्रीज कराने का प्रयास किया जा रहा है।

इंदिरानगर सेक्टर-19 निवासी 73 वर्षीय राजेश कुमार कुरील एचएएल से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल की सुबह अनजान नम्बर से कॉल आई। फोन करने वाले ने कहा कि राजेश के आधार कार्ड के जरिए दिल्ली बैंक ऑफ बड़ौदा में एक अकाउंट खोला गया है। उक्त खाते का इस्तेमाल कर आतंकवादी संगठनों को फंडिंग की जा रही है। लिहाजा अब सीबीआई दिल्ली खाते की जांच करेगी। यह सुन कर राजेश घबरा गए। उन्होंने कहा कि उनका दिल्ली बैंक ऑफ बड़ौदा में न ही कोई खाता है और न ही वे कभी दिल्ली गए है। इस पर कॉलर गिरफ्तार करने की धमकी देने लगा।

पीड़ित ने बताया कि पहली कॉल आने के बाद उन्हें व्हाट्सएप से वीडियो कॉल की गई। कॉलर ने बताया कि वह दिल्ली सीबीआई से बोल रहा है। हमने जांच की है। आपके संबंध आतंकवादियों से है। इसके पूरे साक्ष्य मिले हैं। आप बुजुर्ग हैं, इसलिए गिरफ्तारी से पहले एक मौका आपको एक मौका दिया जाएगा कि आप अपनी बेगुनाही साबित कर सकें। अगर खाते की जांच में आप सही निकले तो रुपये वापस करने के साथ ही आपकी क्लीन चिट दी जाएगी। इसके बाद कथित सीबीआई अधिकारी ने वृद्ध के बैंक ऑफ बड़ौदा मुंशी पुलिया ब्रांच में जमा 23 लाख रुपये की जांच करने की बात कही। पीड़ित का कहना है खाते में जमा कुल रकम की जानकारी भी ठगों को थी। इसलिए वह काफी घबरा गए थे।

कथित सीबीआई अधिकारी ने करीब दो घंटे तक राजेश को डिजिटल अरेस्ट किया। इस दौरान परिवार और दोस्तों से दूर रहने की हिदायत दी। फिर बोला कि आप यूको बैंक हैदराबाद ब्रांच के एक अकाउंट नंबर में रुपये जमा करें। सीबीआई की तरफ से आपके रुपयों की जांच की जाएगी। सब कुछ सही मिलने पर एक घंटे बाद रुपये वापस अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। झांसे में फंस कर बुजुर्ग ने बैंक ऑफ बड़ौदा मुंशी पुलिया ब्रांच से बताए गए खाते में 23 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद कॉल कट गई। 24 घंटे तक इंतजार करने के बाद भी खाते में रुपये वापस नहीं आए। संदेह होने पर पीड़ित ने ऑनलाइन साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत करने के साथ साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी।

डिजिटल अरेस्ट से ऐसे बचें

- अंजान नंबर की कॉल या वीडियो कॉल आने पर सतर्क रहें।

- कोई भी सरकारी एजेंसी (सीबीआई, कस्टम, पुलिस) फोन पर बैंक डिटेल्स नहीं मांगती है।

- शक होने पर डरें नहीं परिवार, दोस्त या पुलिस को सूचना दें।

यह भी पढ़ेः लखनऊ: जेईई मेंस में 99 पर्सेंटाइल से अधिक नंबर पाने वाले छात्रों की संख्या 50 से ऊपर, श्रेयस ने हासिल की AIR 6

संबंधित समाचार