भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे होम्योपैथिक के निदेशक, मनमानें तरीके से कर रहे संविदा डॉक्टरों की भर्ती

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Published By Anjali Singh
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- सात बिंदुओं पर आधारित शिकायती पत्र को राष्ट्रपति को भेजा गया

लखनऊ, अमृत विचार । होम्योपैथिक के निदेशक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। मामले की शिकायत राष्ट्रपति से की गई है। सात बिंदुओं पर आधारित शिकायती पत्र में उच्च पद पर रहते हुए परिवारीजनों को लाभ पहुंचाने, नियमों के विरुद्ध संविदा डॉक्टरों का स्थानांतरण करने समेत अन्य आरोप लगे हैं। RTI एक्टिविस्ट और शिकायत कर्ता पतरू राम विश्वकर्मा का आरोप है कि निदेशक ने कई होम्योपैथिक डॉक्टरों को निदेशालय से संबद्ध कर रखा है, जबकि अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं। 

नियम विरुद्ध मृतक आश्रितों की नियुक्ति की गई है। प्रदेश के नौ राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में 30 से अधिक संविदा डॉक्टरों की नियुक्ति मनमाने तरीके से कर रखी है। जबकि लोक सेवा आयोग से स्थायी डॉक्टरों की नियुक्ति हो चुकी है। यही नहीं संविदा डॉक्टरों को दूसरे अस्पतालों में संबद्ध भी कर रखा है। आरोप है कि संविदा पर तैनात भाई को झांसी के डीएचओ कार्यालय से संबद्ध कर रखा है। 

अगस्त 2024 में कनिष्ठ सहायकों की पदोन्नति वरिष्ठ सहायक के पद पर की गई, लेकिन स्थानांतरण नहीं किया गया। पतरू राम ने राष्ट्रपति को भेजे शिकायती पत्र में मांग की है कि निदेशक होम्योपैथिक के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए।

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