Chitrakoot Crime: दो युवकों के कंकाल मिलने से मचा हड़कंप, मृतकों की मां बोली- बेटों का पता लगाने के बदले मिलती थी दुत्कार
चित्रकूट, सीतापुर, अमृत विचार। तीर्थक्षेत्र के मप्र अंतर्गत इलाके में दो युवकों के कंकाल में बदले शव मिलने से पूरे इलाके में दहशत है। इसके साथ ही पुलिसिया कार्रवाई को लेकर भी तमाम सवाल उठ रहे हैं। मृतकों के परिजनों की मानें तो युवकों की मां पुलिस से अपने बेटों का पता लगाने की गुहार लगाती रही और उसे इसके बदले दुत्कार ही मिली। तीर्थक्षेत्र का यह पहला मामला नहीं है।
16 अप्रैल को तीर्थक्षेत्र में सतना जाने वाले मार्ग पर गोदावरी मोड़ के जंगल में कोलगवां (सतना) थानांतर्गत नई बस्ती निवासी दो भाइयों जितेंद्र और वीरेंद्र यादव पुत्रगण रामसखा के शव पेड़ों पर लटके मिले थे। शव पूरी तरह से कंकाल में बदल चुके थे और परिजनों ने इनकी शिनाख्त कपड़ों से की थी। यह हत्या है या आत्महत्या, यह तो पुलिस की विवेचना से साफ होगा पर इस मामले में पुलिस की लापरवाही साफ जाहिर होती है।
जितेंद्र और वीरेंद्र यादव, 28 जनवरी से लापता थे। ये दोनों तीर्थक्षेत्र कैसे पहुंचे और फिर वहां आत्महत्या की या किसी ने उनकी हत्या कर पेड़ों पर लटका दिया, ये जांच के बिंदु हैं। पर इस मामले में कोलगवां पुलिस की लापरवाही साफ जाहिर होती है। परिजनों ने 31 जनवरी को गुमशुदगी दर्ज कराई।
मां गोलहरी का आरोप है कि पुलिस ने ढाई महीने तक उन्हें भटकाया, गालीगलौज तक की और थाने से भगा दिया। उसका कहना है कि उसके बेटों की हत्या की गई है। पुलिस ने सिर्फ आश्वासन दिए, कोई कार्रवाई नहीं की। शवों की हालत ऐसी हो चुकी थी कि पुलिस को विवेचना में हत्या या आत्महत्या तय करने में बहुत दिक्कत पेश आएगी।
पहले भी हुई सनसनीखेज वारदात
तीर्थक्षेत्र में 2019 में तेल कारोबारी बृजेश रावत के छह वर्षीय जुड़वां मासूम बेटों श्रेयांश और प्रियांश की अपहरण के बाद हत्या ने सबको झकझोर दिया था। हत्यारों ने फिरौती के लिए एक करोड़ मांगे थे, फिर मासूमों को नदी में पत्थर बांधकर फेंक दिया था। पांच हत्यारों को दोहरी उम्रकैद मिली। एक आरोपी ने जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
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