पश्चिम बंगाल भर्ती विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने नई भर्ती तक बेदाग शिक्षकों को पद पर बने रहने की दी अनुमति, तय की समय सीमा

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल को बड़ी राहत देते हुए सीबीआई द्वारा बेदाग पाए गए बर्खास्त शिक्षकों की सेवाएं बढ़ाने का बृहस्पतिवार को आदेश दिया। प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने राज्य सरकार की इस दलील पर गौर किया कि विभिन्न स्कूलों में पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और नयी भर्ती में समय लगेगा।

हालांकि, न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों के ग्रेड 'सी' और 'डी' कर्मचारियों की सेवाएं नहीं बढ़ाईं। न्यायालय ने राज्य सरकार को 31 मई या उससे पहले भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और इस साल 31 दिसंबर तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया। 
अदालत ने राज्य सरकार और उसके पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्यूबीएसएससी) को 31 मई या उससे पहले भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के बारे में सूचित करते हुए अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा। 

तीन अप्रैल को न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए पूरी चयन प्रक्रिया को "दोषपूर्ण" बताया था। उच्चतम न्यायालय ने नियुक्तियों को रद्द करने के 22 अप्रैल, 2024 के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। 

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