लखीमपुर-खीरी: हीट वेव को लेकर प्रशासन अलर्ट, अग्नि सुरक्षा पर किया मंथन 

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Published By Preeti Kohli
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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार: जिले में हो रहे अग्निकांडों और भीषण गर्मी में हीट वेव को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने अग्निशमन व आपात सेवा विभागों के साथ बैठक कर अग्नि सुरक्षा और हीट वेव से निपटने और लोगों को जागरूक करने पर मंथन किया। साथ ही ढीले और झूलते बिजली के तारों को तत्काल ठीक कराने के न सिर्फ निर्देश दिए, बल्कि प्रत्येक स्थान पर सुधार कार्य का प्रमाणपत्र (सर्टिफिकेट) जारी करने को कहा।

जिला पंचायत सभागार में आयोजित अग्निशमन व आपात सेवा विभागों की गोष्ठी में डीएम ने विद्युत महकमे को कड़ी हिदायतें दीं। उन्होंने कहा कि अवर अभियंता 100 प्रतिशत क्षेत्रों की जांच करें। एसडीओ 50 प्रतिशत क्षेत्रों का सत्यापन करें। अधिशासी अभियंता 10 प्रतिशत क्षेत्रों का निरीक्षण करें। अधीक्षण अभियंता कम से कम पांच प्रतिशत क्षेत्रों का स्वयं भौतिक सत्यापन करें।

डीएम ने अधिशासी अभियंता जल निगम को अग्निशमन वाहनों को जलापूर्ति के लिए फायर हाइड्रेंट लगने एवं जल निगम और सीएफओ को 10 प्रतिशत चेक करने को निर्देशित किया। डीएम ने कहा कि सिर्फ प्रशासन नहीं, बल्कि जनता की सतर्कता ही असली सुरक्षा कवच है। जब गांवों में लोग जागरूक होंगे, तभी आपदा से निपटना आसान होगा।

डीएम ने कहा कि प्रत्येक तहसील में ऐसी बैठकें कराई जाएं, जिनमें ग्राम प्रधान, लेखपाल, अग्निशमन अधिकारी और अन्य संबंधित विभागों के लोग उपस्थित रहें। इन बैठकों में ग्रामीणों को आग से बचाव के उपाय, प्राथमिक सहायता, और फायर ब्रिगेड से संपर्क के तरीकों की जानकारी दी जाए।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी एआर शर्मा ने कहा कि गर्मी के मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सूखी फसल अवशेष, लूज बिजली के तार और चूल्हे-अंगीठी का असावधानी से प्रयोग आग फैलाने की मुख्य वजहें हैं। हर गांव में कम से कम एक प्राथमिक अग्निशमन किट होनी चाहिए, ताकि समय रहते आग पर काबू पाया जा सके।

गर्मी का कहर नहीं सताएगा, अगर अपनाएंगे ये बचाव मंत्र
गोष्ठी के दौरान सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने गर्मी, लू और हीट वेव से बचने के उपायों पर प्रकाश डाला। कहा कि इस मौसम में बिना जरूरी काम के दोपहर 12 से 3 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें। साथ ही उन्होंने लोगों को अधिक से अधिक पानी पीने, हल्के सूती कपड़े पहनने, सिर को टोपी या गमछे से ढकने और घर से निकलते समय छायादार स्थानों का प्रयोग करने की सलाह दी।

सीएमओ ने कहा कि लू से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है सतर्कता और सजगता। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से सावधानी बरतें। लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओआरएस, जरूरी दवाएं और प्राथमिक उपचार की सुविधाएं हैं। 

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