फिर शर्मसार हुआ पाकिस्तान, IMF ने फिर भेजा भ्रष्टाचार निरोधक दल, लगा अरबों रुपये का जुर्माना
इस्लामाबाद, अमृत विचारः अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भ्रष्टाचार, धन शोधन, व्यय का आकलन और सुधार की सिफारिश करने के लिए पाकिस्तान में दूसरा भ्रष्टाचार निरोधक दल भेजा है। ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार दूसरे भ्रष्टाचार निरोधक दल की चार अप्रैल से 14 अप्रैल तक पाकिस्तान में रहेगा। इस दौरान दल की पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार और जवाबदेही अदालत सहित 30 से अधिक सरकारी विभागों और संस्थानों के साथ गहन बैठकें होंगी।
आईएमएफ टीम पाकिस्तान शुगर मिल्स एसोसिएशन (पीएसएमए) के साथ बैठक करेगी, ताकि मूल्यों में हेरफेर जैसे मामलों की चल रही जांच पर चर्चा की जा सके। जिसके कारण पाकिस्तान के प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीपी) ने मूल्य हेरफेर और कार्टेलाइजेशन के लिए एसोसिएशन पर अरबों रुपये का जुर्माना लगाया है। अब तक मिशन ने कराची में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के साथ बैठकें की हैं, जिसमें बैंकिंग क्षेत्र के विनियमन, संदिग्ध लेनदेन और धन शोधन के मुद्दों पर चर्चा की गयी है। इससे पहले गत फरवरी में अपनी यात्रा के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने न्यायिक नियुक्तियों और अन्य कानूनी मामलों पर चर्चा करने के लिए पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति याह्या अफरीदी से भी मुलाकात की थी। इस बार आईएमएफ मिशन न्यायिक दक्षता और न्यायाधीशों की जवाबदेही पर चर्चा करने के लिए एससीपी के रजिस्ट्रार से मुलाकात करेगा और इन मामलों के न्यायिक संचालन पर अपडेट प्राप्त कर सकता है।
मिशन पाकिस्तान सॉवरेन वेल्थ एक्ट में संशोधन पर भी चर्चा करेगा, जो पिछले आईएमएफ कार्यक्रम समीक्षा मिशन का हिस्सा था। आईएमएफ ने बजट निष्पादन, ट्रेजरी सिंगल अकाउंट और ऋण प्रबंधन से संबंधित मुद्दों को भी एक मिशन में शामिल किया है जो ज्यादातर आईएमएफ के भीतर कानूनी मामलों से निपटता है। मिशन का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र पाकिस्तान का सूचना तक पहुंच का अधिकार है जो सरकार द्वारा करदाताओं से जानबूझकर जानकारी छिपाने के कारण बेहद कमजोर बना हुआ है।भ्रष्टाचार निरोधक दल इस क्षेत्र में सुधार की सिफारिश करेगा और अपने निष्कर्षों के आधार पर एक अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसे पाकिस्तान को जुलाई या अगस्त के अंत तक प्रकाशित करना होगा।
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