Bareilly: दुश्मन को ठिकाने लगाने के लिए भी रेप केस! 45 प्रतिशत मामले फर्जी
दिग्विजय मिश्रा, बरेली। दुष्कर्म के आरोपों को दुश्मन को ठिकाने लगाने का हथियार बनाया जा रहा है। यह प्रवृत्ति बढ़ते बढ़ते इस हद तक पहुंच गई है कि पिछले साल जिले में दर्ज हुए दुष्कर्म के 45 प्रतिशत केस फर्जी पाए गए। पुलिस ने जांच में पाया गया कि ये केस रंजिश, पैसे वसूलने और संगीन मामलों में समझौता करने का दबाव बनाने के लिए दर्ज कराए गए थे। कई मामलों में मामूली विवाद या मारपीट के बाद दुष्कर्म का आरोप मढ़ दिया गया।
पुलिस के रिकॉर्ड के मुताबिक जिले के 29 थानों में एक जनवरी 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए कुल 279 एफआईआर दर्ज कराई गई थीं। पुलिस ने जांच की तो इनमें से तमाम मुकदमों में आरोपों को फर्जी पाया। जांच के बाद 95 मुकदमों को फाइनल रिपोर्ट लगाकर बंद कर दिया गया। इसके साथ 28 मुकदमों में पाया गया कि मामूली विवादों में दुष्कर्म का फर्जी आरोप लगाया गया है जिस पर उनमें दुष्कर्म की धारा को हटा दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई ने सैकड़ों बेकसूर आरोपी शर्मनाक अपराध के फर्जी आरोपों में जेल जाने से बच गए।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ज्यादातर केसों की जांच में सामने आया कि दुष्कर्म के आरोपों के पीछे असल वजह दहेज उत्पीड़न या पड़ोसियों से विवाद और मारपीट जैसे मामले थे। दुष्कर्म के कुछ फर्जी मुकदमे दर्ज कराने के पीछे अपराधी किस्म के लोगों का हाथ पाया गया जो अपने खिलाफ पहले से चल रहे केसों में विपक्षी लोगों पर समझौता करने का दबाव बनाना चाहते थे। इसके अलावा रंजिश के पुराने में मामलों में भी कई फर्जी केस दर्ज कराए गए थे।
मेरे पति के 145 महिलाओं के साथ संबंध हैं
पिछले साल जिले के थानों में दर्ज कराए गए दुष्कर्म के जिन केसों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगाई, उनमें से कई में ऐसे आरोप लगाए गए थे जो यकीन करने तक के काबिल नहीं थे लेकिन पुलिस को न सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करनी पड़ी बल्कि जांच में भी अच्छा-खासा समय बर्बाद करना पड़ा। पुलिस के मुताबिक एक महिला ने अपने पति पर 145 महिलाओं से संबंध रखने का आरोप लगाते हुए दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जांच में यह मामला घरेलू विवाद का पाया गया। इसी तरह कुछ महिलाओं ने अपने पिता और भाई तक पर दुष्कर्म के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करा दी जिनके पीछे उनके अपने प्रेम संबंधों का मामला पाया गया। एक महिला ने घर में खाना गर्म न करने पर विवाद होने के बाद ससुराल वालों के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी।
कुछ थानों में शत-प्रतिशत केस खत्म
फर्जी दुष्कर्म के केस दर्ज कराए जाने की स्थिति यह है कि जिले के कई थानों में दर्ज हुए आधे से ज्यादा केसों को फाइनल रिपोर्ट लगाकर बंद किया गया है और कई में दुष्कर्म की धारा भी हटाई गई है। थाना मीरगंज में तो दुष्कर्म के तीन केस दर्ज हुए, पुलिस ने तीनों में फाइनल रिपोर्ट लगाई है। इसके अलावा थाना हाफिजगंज में नौ में से छह, क्योलड़िया में आठ में चार, भोजीपुरा में 14 में से 10, आंवला में छह में तीन केसों में एफआर लगाई गई।
एक में दुष्कर्म की धारा भी हटाई गई। शहर कोतवाली में नौ में से चार और थाना प्रेमनगर में सात में पांच केस में एफआर लगाई गई, बाकी दो में भी दुष्कर्म की धारा हटाई गई है। फरीदपुर में 14 में से सात केस खत्म हो गए। थाना कैंट में 16 में से छह केस खत्म किए, तीन में धारा हटाई गई। किला में नौ में से तीन केस खत्म किए गए। सुभाषनगर में 17 में से चार केस खत्म कर दो में दुष्कर्म की धारा हटाई गई।
सीबीगंज में 10 में से एक केस खत्म हुआ, तीन में धारा हटाई गई। थाना बारादरी में 27 में से नौ केस खत्म कर चार में धारा हटाई गई। थाना इज्जतनगर में 21 में से छह केस खत्म किए गए। बहेड़ी में 17 में से दो केस खत्म कर एक में धारा हटाई गई। देवरनियां में सात में से एक केस खत्म कर दो में धारा हटाई गई। शीशगढ़ में 10 में से तीन केस खत्म किए गए हैं।
शेरगढ़ में तीन में से दो और नवाबगंज में 17 में छह केस खत्म कर चार में दुष्कर्म की धारा हटाई गई है। बिथरी में नौ में से चार केस खत्म किए गए हैं। भमोरा में 12 में से एक, अलीगंज और बिशारतगंज में एक ही केस दर्ज हुआ जिसे खत्म कर दिया गया। सिरौली में तीन में से एक और भुता में सात में से एक केस खत्म कर दिया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य ने बताया कि पुलिस हर स्तर पर प्रयास करती है कि पीड़ित को न्याय मिले। इसी कारण तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली जाती है लेकिन कोई निर्दोष जेल न जाए, इसके लिए विवेचना भी पूरी गंभीरता से की जाती है। इसी वजह से कई बार चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट तक पहुंचने में देरी भी होती है। साक्ष्यों के आधार पर ही चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट लगाई जाती है।
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