फसल चक्र बिगड़ा, किसानों को मुख्यमंत्री ने दी राहत

खटीमा, अमृत विचार: ऊधमसिंह नगर जनपद के किसानों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राहत देते हुए 31 मार्च तक ग्रीष्मकालीन धान लगाने की सशर्त अनुमति दी है। ब्लॉक प्रमुख रंजीत सिंह नामधारी के नेतृत्व में कृषक संगठनों ने बुधवार को मुख्यमंत्री से उनके खटीमा आवास पर मुलाकात कर फसल चक्र संबंधी समस्या रखी। किसानों ने कहा कि इस वर्ष खेती का फसल चक्र नहीं अपना पाने के कारण वह मार्च तक ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर वैकल्पिक फसल लेने की स्थिति में नहीं हैं और भविष्य में ग्रीष्मकालीन धान नहीं लगाएंगे।
मुख्यमंत्री ने किसान हित में इस प्रतिबन्ध के साथ ग्रीष्मकालीन धान लगाने की अनुमति प्रदान करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जो किसान 31 मार्च तक वैकल्पिक फसल लगाने में असमर्थ हैं, वे अपने पास के कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी कार्यालय, बीडीओ कार्यालय आदि के माध्यम से इस आशय का घोषणा पत्र देंगे, जिसमें यह स्पष्ट उल्लेख होगा कि उनके द्वारा अगर मात्र धान की नर्सरी डाली गई है तो उसका क्षेत्रफल क्या है एवं यदि ग्रीष्मकालीन धान की खेती की जा रही है तो कुल कितने क्षेत्रफल में खेती की जाएगी।
धान की फसल लगाने वाले किसान को घोषणा पत्र में यह भी इंगित करना होगा कि उनके द्वारा वर्ष 2025-26 से ग्रीष्म कालीन धान नहीं लगाया जाएगा तथा ग्रीष्मकालीन धान पर प्रतिबन्ध का पूर्ण पालन किया जाएगा। किसान हित में यह व्यवस्था केवल 31 मार्च 2025 तक लागू रहेगी जिससे मटर, लाही, सरसों की फसल के बाद खाली होने वाले खेतों में किसान ग्रीष्मकालीन धान लगा सकेंगे। गेहूं की कटाई के बाद खाली होने वाले खेतों में किसी भी दशा में ग्रीष्मकालीन धान लगाने की अनुमति नहीं होगी। एक अप्रैल से एक जून के मध्य धान रोपाई कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
यह लगा सकते हैं वैकल्पिक फसल
जो किसान माह मार्च 2025 में ग्रीष्मकालीन धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसल लगाना चाहते हैं, वह साइलेज हेतु मक्का की फसल लगा सकते हैं जो 60-65 दिन में बिक्री हेतु तैयार हो जायेगी। इसके अतिरिक्त अन्य वैकल्पिक फसलें जैसे गन्ना, उड़द, मृग, सूरजमुखी आदि भी कृषकों द्वारा लगायी जा सकती है।