बरेली: जर्जर सड़क ने 30 हजार लोगों की बढ़ाई मुसीबत, निगम ने एक बार भी नहीं कराया निर्माण

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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बरेली, अमृत विचार। परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के बराबर से बंडिया गांव जाने वाली सड़क बुरी तरह जर्जर होने के बाद छह गांवों की 30 हजार से ज्यादा आबादी के लिए समस्या बनी हुई है। सड़क पर इतने ज्यादा गड्ढे हैं कि कभी औद्योगिक क्षेत्र में आ रहा कोई ट्रक पलट जाता है तो कभी कोई बाइक सवार गिरकर घायल हो जाता है। करीब एक किलोमीटर लंबी यह सड़क है तो नगर निगम के क्षेत्र में लेकिन उसने भी आज तक इसकी कोई सुध नहीं ली है।

सड़क नंबर 5 से इंडस्ट्रियल पार्क होते हुए कमल भट्ठे के बराकर से मुड़कर रोड नंबर 26 से सटी सड़क शिव धर्म कांटा के सामने होते हुए बंडिया तक पहुंचती है। यह पूरी सड़क इतनी बुरी तरह जर्जर हो चुकी है कि न इस पर भारी वाहन गुजर पाते हैं न ही छोटे वाहनों के चलने लायक रही है। पैदल चलने वाले मुश्किलें झेलते हैं। कई जगह गहरी धंस जाने की वजह से पिछले साल बरसात भर यह सड़क तालाब बनी रही थी। इस दौरान इस पर आवाजाही करीब-करीब बंद रही थी।

करीब आधी सड़क के दोनों ओर औद्योगिक इकाइयां हैं। इस कारण इस पर ट्रकों का भी काफी आवागमन होता है। इससे इस हिस्से पर सड़क का नामोनिशान तक मिट गया है। बाकी आधी सड़क पर कहीं-कहीं डामर दिखने से पता चलता है कि यहां कभी पक्की सड़क थी। सड़क पर मुख्य तौर पर बंडिया, मथुरापुर, खना गौटिया, तेलियापुर, परधौली, घुंसा आदि गांवों के लोग गुजरते हैं।

दो करोड़ के एस्टीमेट को मंजूरी नहीं मिली तो गड्ढों में मलबा भर दिया
पिछली बरसात के बाद तमाम शिकायतों के बाद कागजी खानापूरी शुरू की गई। नगर निगम के जेई विकास साहू ने स्थलीय निरीक्षण सड़क के निर्माण के लिए दो करोड़ का एस्टीमेट बनाया लेकिन यह प्रस्ताव कागजों तक ही सीमित रह गया।

सड़क का बजट ज्यादा बताकर इससे किनारा कर लिया गया। इसी बीच पुरानी जेल तोड़ी गई तो उसका मलबा लाकर सड़क के गड्ढों में भर दिया गया। गांव के लोगों को कहना है कि इससे कुछ अस्थाई राहत तो मिली लेकिन बरसात में गड्ढों से मलबा और मिट्टी बहने के बाद हालात फिर बिगड़ जाएंगे।

लोग बोले- बरसात में बंद कर देते हैं इस सड़क पर चलना

यह सड़क 1987 में नगर निगम में शामिल हुई। मैंने 2014 से 2025 तक लगातार इस सड़क के निर्माण कराने के लिए पत्राचार किया है, लेकिन अब तक सिर्फ रस्मअदायगी की गई है। पिछली बरसात में बच्चों को लेकर जा रही स्कूल वैन बड़े गड्ढे में फंस गई थी। वैन के अंदर तक पानी भर गया था- रतन शर्मा

कई साल से यह सड़क समस्या बनी हुई है। सड़क टूटी है ही, उसके दोनों ओर नाली भी नहीं बनी है, इसकी वजह से बरसात का पानी सड़क पर भर जाता है। पानी की निकासी न हो पाने की वजह से ही सड़क जल्दी खराब हो जाती है। बरसात में लोग इस पर गुजरना बंद कर देते हैं-आसिफ अंसारी

पांच साल पहले सड़क बनी थी मगर दो-ढाई साल तक ही आवागमन के लायक ठीक रही। अब इतनी खराब हो चुकी है कि चलना मुश्किल है। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अभी तो कुछ राहत है। बरसात से पहले सड़क न बनी तो हालात विकराल हो जाएंगे- नरेश पाल सिंह

बंडिया जाने वाली सड़क की हालत बहुत खराब है। नगर निगम टैक्स वसूलता है। बीडीए भी विकास शुल्क की वसूली कर रहा है, मगर इस सड़क की सुध लेने को दोनों में से कोई तैयार नहीं है। नगर निगम ने एक बार भी सड़क नहीं बनवाई। लोगों को आवागमन में भारी समस्या झेलनी पड़ रही है- लेखराज

खट्टर ने बनवाई तो 20 साल चली, डॉ. अरुण ने निर्माण कराया तो दो साल में ही टूट गई
लोगों के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में आने के बाद सड़क का एक बार भी निर्माण नहीं कराया गया। एमएलसी रहे मनोहरलाल खट्टर के कार्यकाल में 1987 में डामर रोड का निर्माण कराया गया। करीब 20 साल तक लोग इस पर चलते रहे।

इसके बाद सड़क टूटने लगी। डॉ.अरुण 2017 में शहर विधायक बने तो उन्होंने अपनी निधि से 2018-19 में सड़क का दोबारा निर्माण कराया लेकिन इस बार सड़क दो साल ही ठीकठाक रह पाई। इसके बाद लोगों ने मेयर, डीएम, नगर आयुक्त के अलावा आईजीआरएस पर भी तमाम शिकायतें कीं, मगर कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई।

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