कासगंज: सड़क हादसे में घायल हुए हेडकांस्टेबल की उपचार के दौरान आगरा में मौत
मृतक सिपाही के घर में मचा कोहराम, तीन फरवरी को हुए थे हादसे में घायल
कासगंज, अमृत विचार। तीन फरवरी को सड़क हादसे में घायल हुए हेडकांस्टेबल की आगरा में उपचार के दौरान मौत हो गई। उनकी मौत की खबर से जहां परिवार में कोहराम मचा हुआ है, वहीं कासगंज पुलिस में शोक का माहौल है। वह 1984 में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। वह चार वर्ष से कासगंज में तैनात थे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। जहां पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर की सलामी के बाद अंतिम विदाई दी गई। गांव में ही उनके शरीर को पंचतत्व में विलीन किया गया।
आगरा जनपद के थाना कंगरौल के गांव मसलिया निवासी 58 वर्षीय भीमसेन चाहर पुत्र हुकुम सिंह कासगंज में पुलिस लाइन में तैनात थे। वह तीन फरवरी को पुरानी पुलिस लाइन से नई पुलिस लाइन के लिए बाइक से आ रहे थे। गोरहा नहर के समीप उनकी बाइक फिसल गई और गिरकर बुरी तरह से चुटैल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल से अलीगढ मेडिकल कॉलेज को भेजा गया था। जहां हालत में कोई सुधार नहीं हुआ परिजना आगरा के सरोजिनी नायडू हॉस्पिटल ले गए। जहां उनका उपचार चल रहा था। सोमवार की सुबह नौ बजे उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली। आगरा में उनका पोस्टमार्टम हुआ। पोस्टमार्टम के बाद ही उन्हें आगरा पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर द्वारा अंतिम सलामी दी गई। बाद में पैतृक गांव मसलिया में ले जाकर उनकी शरीर को पंचतत्व में विलीन किया गया। इस दौरान परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। आरआई रविंन्द्र मलिक ने बताया भीमसेंन की भर्ती 1984 में हुई थी। वह चार वर्ष से कासगंज में तैनात थे। उनकी मौत की खबर से पुलिस महकमें में शोक का माहौल है। वह बहुत शांतप्रिय स्वभाव के थे। उनकी कमी हमेशा पुलिस महकमें बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि भीमसेंन पर दो बेटे थे बड़ा बेटा राहुल 28 वर्ष का है। वह पढाई कर रहा है। छोटा बेटा संजय चाहर 25 वर्ष का है। वह सीआरपीएफ छत्तीसगढ में कांस्टेबल है।
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