UP Board 2025: स्टूडेंट्स से लेकर पेरेंट्स तक जान लें ये जरूरी बातें, नहीं तो एग्जाम में बढ़ जाएगी मुसीबत
लखनऊ, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा 24 फरवरी से शुरु होकर 12 मार्च तक चलेंगी। प्रदेश सरकार के नकलविहीन परीक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए हैं। इस सिलसिले में सोमवार को सूबे के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा की। सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए।
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि हाईस्कूल और इंटरमीडियेट की परीक्षा कुल 8140 परीक्षा केन्द्रों पर होगी। जिनमें 576 राजकीय, 3,446 सहायता प्राप्त व 4,118 स्ववित्तपोषित विद्यालय शामिल हैं। परीक्षा में हाईस्कूल के 27 लाख 32 हजार 216 एवं इंटरमीडियेट के 27 लाख पांच हजार 17 परीक्षार्थी हिस्सा लेंगे। उन्होंने बोर्ड परीक्षाओं को शांतिपूर्ण और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में नकल की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। परीक्षा के पूर्व परीक्षा केन्दों का शत-प्रतिशत निरीक्षण कराकर यह सुनिश्चित कर लिया जाए की सभी केन्द्रों पर आधारभूत सुविधायें उपलब्ध हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, जौनपुर, गाज़ीपुर, देवरिया और गोंडा को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। इन जिलों में विशेष तौर पर सतर्कता बरती जाए। एसटीएफ और एलआईयू के द्वारा इन केन्द्रों की विशेष निगरानी रखी जाएगी।
छात्रों के लिए जरूरी निर्देश
सचिव ने कहा कि परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र पर समय से पहुंचने में असुविधा नहीं होनी चाहिए। परीक्षा समयानुसार बसों का नियमित संचालन किया जाए। परीक्षार्थियों को कहीं भी अनावश्यक रूप से न रोका जाए। परीक्षा के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए। प्रयागराज, अयोध्या, बनारस के परीक्षा केंद्रों के पास पुलिस द्वारा अनावश्यक एनाउन्समेंट न किया जाए। इसके अलावा परीक्षा के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए।
स्ट्रांग रूम की 24 घंटे होगी निगरानी
सचिव ने नकल माफियाओं और असामाजिक तत्वों पर विशेष निगरानी रखते हुए सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा कार्य में बाधक तत्वों के विरुद्ध संज्ञेय अपराध के अंतर्गत कार्यवाही की जाए। स्ट्रांग रूम की 24 घंटे सीसीटीवी के माध्यम से ऑनलाइन निगरानी रखी जाए और सुरक्षा के लिये सशस्त्र बल की तैनाती की जाए। प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत परीक्षा केन्द्रों के स्ट्रांग रूम का टीम बनाकर आकस्मिक निरीक्षण भी कराया जाए।
उन्होंने कहा कि अनुचित मुद्रण अथवा प्रकाशन तथा सोशल मीडिया आदि पर अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों पर कठोर कार्यवाही की जाए। परीक्षा समाप्ति के उपरान्त उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा केन्द्रों से संकलन केन्द्रों को अनिवार्य रूप से पुलिस अभिरक्षा में ही प्रेषित किया जाए। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों के चारों तरफ साफ-सफाई, प्राथमिक उपचार की व्यवस्था आदि सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि परीक्षाओं को नकलविहीन और निष्पक्षता के साथ सुनिश्चित कराने के लिए नवीन व्यवस्थायें की गई हैं, जिसमें सभी जनपदों व परीक्षा केन्द्रों पर मुख्य विषय के लिये प्रश्नपत्रों के अतिरिक्त आरक्षित सेट्स, प्रश्नपत्रों में केन्द्रवार कोडिंग, परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण सम्बन्धी आपत्तियाँ/शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने की व्यवस्था शामिल है।
उन्होंने बताया कि प्रयोगात्मक परीक्षा में परीक्षकों की जिओ फेसिंग उपस्थिति और मोबाइल एप व पोर्टल पर ऑनलाइन अंक अपलोड करने की व्यवस्था भी कराई गई है। मुख्य और सप्लीमेंट्री उत्तर पुस्तिकाओं में पृष्ठ संख्या का मुद्रण कराया गया है। प्रमाण पत्र सह अंक का मुद्रण नान टीयरेबल एवं वाटर प्रूफ पेपर पर किया जायेगा, जिसका सनलाइट रिफ्लेक्टिव लोगो से प्राथमिक सत्यापन किया जा सकता है। बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, सचिव माध्यमिक शिक्षा भगवती सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।
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