बागजाला में नोटिस रद करने व विकास कार्यों पर रोक हटाने की मांग
हल्द्वानी, अमृत विचार: अखिल भारतीय किसान महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल बागजाला की समस्याओं को लेकर प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ), तराई पूर्वी वन प्रभाग से मिला। इस दौरान डीएफओ से हुई वार्ता में महासभा के सदस्यों ने बागजाला की समस्याओं से अवगत कराया और विकास कार्यों में लगी रोक हटाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने एक मांगपत्र सौंपते हुए बागजाला में हो रहे विकास कार्यों पर लगी रोक को हटाने की अपील की। उन्होंने बताया कि बागजाला क्षेत्र में 1947 से अधिक समय से ग्रामीण बसे हुए हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार ने भूमि पट्टे दिए थे। हालांकि, पिछले कुछ सालों से ग्रामीणों को उजाड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। बताया कि वन विभाग के सरकारी सीसी मार्ग को तोड़ने और जल जीवन मिशन योजना का कार्य रोकने के कारण क्षेत्र का विकास बाधित हो गया है।
इस दौरान प्रतिनिधियों ने डीएफओ से सवाल किया कि यदि वन विभाग ने पहले अपनी भूमि पर खाई खोदकर पक्की बाउंड्री बनाई है, तो अब आबादी वाले क्षेत्र पर नोटिस क्यों दिए जा रहे हैं? कहा कि यहां के निवासियों को स्थाई रूप से निवास की अनुमति देते हुए लोगों को मालिकाना अधिकार दिया जाए। इसके लिए वन विभाग राज्य सरकार को अपनी ओर से अनापत्ति प्रस्ताव (एनओसी) भेजे। डीएफओ ने मांगों को शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर भाकपा माले के जिला सचिव डॉ. कैलाश पांडे, किसान महासभा की संयोजक उर्मिला रैस्वाल, वेद प्रकाश, पंकज चौहान आदि मौजूद रहे।
