बरेली: 'एक ही फर्म पर बार-बार कार्रवाई क्यों?', निर्माण एजेंसियों पर जुर्माना डालने पर नगर निगम में रार

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Published By Vikas Babu
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मेयर ने चीफ इंजीनियर से पूछा एक ही एजेंसी पर बार-बार जुर्माना डालने का कारण

बरेली, अमृत विचार : शहर में सड़कों और नालियों का निर्माण कर रही एजेंसियों पर जुर्माने और नोटिस की कार्रवाई पर नगर निगम में रार शुरू हो गई है। बुधवार को मेयर उमेश गौतम ने चीफ इंजीनियर और उनके अधीनस्थों को तलब कर जवाब मांगा कि एक ही फर्म पर बार-बार कार्रवाई क्यों हो रही है।

मेयर ने कहा कि उन्होंने 31 जनवरी को सुभाषनगर में अमृत वाटिका का निरीक्षण किया था। वहां सिंचाई न होने से पौधे सूख रहे थे। स्टील की ग्रिल पर पेंट नहीं था, सफाई की हालत भी खराब थी। निरीक्षण के दौरान साथ मौजूद चीफ इंजीनियर और पर्यावरण अभियंता को उन्होंने कार्रवाई का निर्देश दिया लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेयर ने कहा कि साफ जाहिर है कि मनमानीपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। चीफ इंजीनियर से उन्होंने नेकपुर में एक ही निर्माण कार्य पर पहले 50 हजार और फिर एक लाख का जुर्माना लगाने का कारण भी पूछा।

मेयर और चीफ इंजीनियर का मनमुटाव सामने आया
निर्माण विभाग की कार्रवाई पर उठे सवालों से ठेकेदारों और इंजीनियरों में खलबली मच गई है। इस पर मेयर और चीफ इंजीनियर का मनमुटाव भी सामने आ गया है। आरोप लग रहे हैं कि किसी ठेकेदार की बात न बनने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

एक फर्म तो बार-बार जुर्माना लगाया जा रहा है, लेकिन जहां हमारे निरीक्षण में कमियां मिली, उस फर्म पर कार्रवाई नहीं की गई, यह गलत है। कुछ इंजीनियरों की कार्यशैली ठीक नहीं है। अगर वे सुधार नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ शासन को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा- उमेश गौतम, मेयर।

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