बरेली: गौसगंज बवाल...पलायन कर चुके दूसरे समुदाय के लोगों को दोबारा बसाने की कवायद
शाही, अमृत विचार। गौसगंज में 19 जुलाई 2024 को हुए बवाल के बाद समुदाय विशेष के लोग किसी अनहोनी के डर से पलायन कर गए। तब से उनके घरों में ताला लगा है। उन परिवारों को फिर से बसाने के लिए सपा का शिष्टमंडल उन्हें साथ लेकर शाही थाने पहुंचा, जहां पुलिस ने लोगों को समझाकर लौटा दिया।
शाही थाना के गौसगंज गांव में विशेष समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों में लेजर लाइट की रोशनी मारी थी, जिसके विरोध के बाद विशेष समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय के घरों में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था। मारपीट में घायल गौसगंज निवासी तेजराम उर्फ तेजपाल को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मृतक के पिता हीरालाल ने 50 नामजद और 25 -30 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया। जिसमें लगभग 51 लोग जेल में बंद है। विशेष समुदाय के लोग डर की वजह से गांव छोड़कर अन्य स्थानों पर जाकर रहने लगे है। बुधवार को समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष शिवचरण कश्यप, जिला समाजवादी पार्टी की महिला अध्यक्ष स्मिता यादव, जिला उपाध्यक्ष राजेश्वरी यादव एवं जिला महासचिव डॉ. दीक्षा सक्सेना पलायन कर चुके कुछ परिवारों के साथ थाना शाही पहुंचे। पुलिस ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोक दिया और पलायन कर चुके परिवारों को अपने साथ थाने ले आई, जहां बैठकर सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला, सीओ फर्स्ट पंकज कुमार और थाना प्रभारी अमित कुमार ने सभी परिवारों से वार्ता की तथा आश्वासन दिया, कि जल्द ही उनको दोबारा बुलाकर बातचीत कर उनके घरों पर सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।
समाजवादी पार्टी के नेताओं को कस्बे में बस अड्डे के पास ही रोक लिया गया, जिस पर सपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष स्मिता यादव की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। उसके बाद महिला मोर्चा को भी थाने तक ले जाया गया और परिवारों के साथ वार्ता में शामिल किया गया। पूरे वाक्या को पुलिस ने अपने गुप्त रखते हुए मीडिया कर्मियों से भी परिवारों को नहीं मिलने दिया तथा मीडिया कर्मियों को भी उपस्थित उच्च अधिकारियों ने न समाजवादी पार्टी के नेताओं और पीड़ित परिवारों के बीच हुई वार्ता में शामिल होने से स्पष्ट मना कर दिया।
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