बदायूं : न्यायाधीश का सीएमएस समेत अन्य पर रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना का आदेश
सिक्योरिटी कार्ड पर अभद्रता करते हुए गाली-गलौज करने और सीएमएस पर धमकाने का था आरोप

बदायूं, अमृत विचार। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी न्यायालय ने सदर कोतवाली पुलिस को सीएमएस समेत तीन लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है।
शहर निवासी प्रकाश नाम के व्यक्ति ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि 27 अक्टूबर 2024 शाम उन्होंने अपनी पत्नी को को डिलीवरी के लिए जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। रात को वह कुर्सी पर बैठे थे तो सिक्योरिटी गार्ड प्रमोद कुमार और सर्वेश कुमार ने बैठने की वजह पूछी और जाति के बारे में जानकारी करने लगे। प्रकाश ने अपनी पत्नी की डिलीवरी के बारे में बताया कि भर्ती है तो उन लोगों ने कुर्सी पर बैठने की वजह से गाली-गलौज की। गाली देने से मना करने पर मारपीट शुरू कर दी। पत्नी के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से उस दिन पुलिस से शिकायत नहीं की। अस्पताल से पत्नी की छुट्टी होने के बाद सीएम पोर्टल पर शिकायत की। उसके बाद सीएमएस कार्यालय से उनके पास फोन आया कि 11 दिसंबर को ऑफिस आना है। प्रकाश कार्यालय पहुंचे तो सीएमएस ने शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। मना करने पर सीएमएस डॉ. इंदुकांत वर्मा ने शिकायतकर्ता को को झूठे मुकदमा में फंसाने की धमकी दी।
आरोप है कि पहले से लिखे हुए समझौतानामा पर डरा धमका कर उनके और उनके पिता के हस्ताक्षर करा लिए। हस्ताक्षर का विरोध करने पर उनके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करके जेल भेजने की धमकी दी गई। न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध शिकायत का अवलोकन करके पाया कि यह मामला पुलिस विवेचना से ही सामने आ सकता है। तब न्यायाधीश ने संबंधित थाने के प्रभारी निरीक्षक को आदेशित किया है कि शिकायतकर्ता की रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करें और कार्रवाई से न्यायालय को अवगत कराएं।
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